हरिओम श्रीवास, मस्तूरी. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी में अव्यवस्था के चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां घायल मरीजों को निजी वाहन से इलाज के लिए अस्पताल लाया जा रहा है. इसके बावजूद भी मरीजों को स्टेचर की सुविधा नहीं मिल पा रही है. परिजन मरोजों को गोद में उठाकर अंदर ले जाना पड़ रहा है. इतना ही नहीं यहां मौजूद डॉक्टर ये नाजारा देखते रहते है.
मरीजों को इलाज के लिए भी इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. मरीज कहीं जमीन में लेटा हुआ है, तो कहीं जमीन पर बैठा हुआ है. तस्वीरों साफ दिखाई दे रहा है कि परिजन अपने हाथ से ही मरीज को अस्पताल के अंदर ले जा रहे है. यही नहीं इस सब नजारे को डॉक्टर देखते रहते है. मरीज दर्द से कराहता रहता है.
इस मामले में जब स्वास्थ विभाग के डॉक्टर नंदराज कवर से बात की गई. तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने की वजह से परेशानी होने की बात कही. इस तरह से डॉक्टर अपना पल्ला झाड़कर जिम्मेदारियों से भागते नजर आ रहे है.
वहीं ताजा मामला बिलासपुर जिले के मस्तुरी का है. जहां एक्सीडेट और उसके बाद मारपीट हो गया. जो इलाज के लिए सड़क पर ही खून से लिपटा हुआ दर्द से तड़प रहा था. उसके मदद के लिए न ही 108 आई और न ही 102 डायल करने पर मदद मिल सकी. एक 108 आई भी तो रास्ते में ही खराब हो गई. किसी तरह मरीज को निजी वाहन से अस्पताल लाया गया. लेकिन वहां पर कोई नर्स या वार्ड बॉय नहीं था और न ही एक भी स्चेटर रखा हुआ था. जिसके आभाव में परिजनों ने मरीज को अपने गोद में ही उठाकर अंदर ले जाना पड़ा.
आपकों बता दें कि ये पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी में इस तरह की लापरवाही देखने को मिल चुकी है. इसके बावजूद भी यहां के व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.