विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनाव को लेकर सरगर्मी तेज़ है, जिसकी तपिश सियासी बयानों में भी खुलकर देखने को मिल रहे हैं. आज केंद्रीय चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी तारीख का भी ऐलान कर दिया गया है. चुनाव आयोग के मुताबिक 13 नवम्बर को मतदान और 23 नवम्बर को मतगणना की अधिसूचना जारी की गई है. 9 सीट पर ही उपचुनाव होंगे. बस मिल्कीपुर सीट पर चुनाव नही होंगे.
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लोकसभा चुनावों में अयोध्या ही नहीं यूपी की 80 में से 37 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की तो इसके पीछे पीडीए को बड़ी वजह माना गया. कहा गया कि अखिलेश के पीडीए फार्मूला काम कर गया. भाजपा ने 2019 में सूबे की 64 सीटों पर जीत हासिल की थी और 2024 लोकसभा के चुनाव में 80 सीटों का दावा पेश किया था, लेकिन उपचुनाव भी आम चुनाव की तरह ही खास तरीके से लड़ने की तैयारी की जा रही है. उत्तर प्रदेश उपचुनाव में अखिलेश अब तक जिन 6 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुके हैं, उनमें भी पीडीए का विशेष ध्यान रखा गया है.
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उपचुनाव में मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, अम्बेडकरनगर की कटेहरी, मिर्जापुर की मझवां, अयोध्या की मिल्कीपुर, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर चुनाव होना है. इस उपचुनाव में भी समाजवादी पार्टी का कांग्रेस से गठबंधन है, लेकिन अभी तक दोनों दलों का समझौता सामने नहीं आया है. सपा के छह सीटों पर उम्मीवार घोषित करने के बाद अब महज चार ही सीटें बची हैं, जबकि कांग्रेस मंझवा सीट के विधायक जाहिद बेग जो जेल में निरुद्ध हैं.
मिल्कीपुर के साथ करहल बनी हॉट सीट
उत्तर प्रदेश के भीतर लड़ाई महज दो दलों में ही हैं, जिसमें भाजपा का सामना समाजवादी पार्टी कर रही है. ऐसे में करहल सीट बहुत खास सीट मानी जा रही है. अयोध्या के मिल्कीपुर सीट के हारने के बाद भाजपा अब करहल और मिल्कीपुर उपचुनाव जीत से बदला बराबर करने के मूड में है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद बनने के चलते करहल सीट खाली हुई है. अखिलेश यादव ने अपने चचेरे भाई और पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया है.
करहल के बाद अयोध्या की मिल्कीपुर सीट की सबसे ज्यादा चर्चा है.
उपचुनाव में पीडीए का दांव चलेगा?
अखिलेश ने फूलपुर सीट से मुस्तफा सिद्दीकी, कटेहरी से शोभावती वर्मा और मझवां से डॉक्टर ज्योति बिंद को उम्मीदवार बनाया है. कटेहरी सीट पर सपा उम्मीदवार लालजी वर्मा ने 37.78% वोट पाकर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार निशात फातिमा को महज 0.83% वोट मिले थे. इस सीट पर निषाद पार्टी के उम्मीदवार अवधेश कुमार उपविजेता रहे थे.
10 सीट में 9 पर ही क्यों होगा चुनाव
केंद्रीय चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महज 9 सीट पर ही चुनाव करवाने की चर्चा सामने आई है. अयोध्या लोकसभा सीट से अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद मिल्कीपुर सीट खाली हुई है. जहां से समाजवादी पार्टी ने उनके पुत्र अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है. लेकिन इस सीट पर चुनाव का ऐलान नहीं किया गया. मिल्कीपुर सीट को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा है कि जिन सीटों पर उप चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है उनको लेकर इलेक्शन पिटिशन (यानी कि कोर्ट में मामला पहुंचा हुआ है) पेंडिंग है. मिल्कीपुर में इलेक्शन पेटिशन पेंडिंग है इसलिए मिल्कीपुर का नाम नहीं है. क्योंकि बीजेपी के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने 2022 में चुनाव जीते सपा विधायक अवधेश प्रसाद के ख़िलाफ़ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है, जो कि लंबित है. फॉर्म भरते वक्त शपथ से जुड़ा कोई मामला है.
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