भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनाव का संग्राम शुरु हो चुका है। बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी अपनी बिसातें बिछानी शुरु कर दी है। दोनों ही दल इस उपचुनावी समर में उतरकर जोर शोर से प्रचार में लग गए हैं। दमोह उपचुनाव हारने के बाद सत्तारुढ़ बीजेपी हर हाल में सभी सीटें जीतने के लिए पूरा दमखम लगा रही है। वहीं कांग्रेस दमोह उपचुनाव का इतिहास दोहराने की कवायद करते हुए तीनों विधानसभा सीटों और खंडवा लोकसभा सीट पर अपना कब्जा जमाने की पूरी तैयारी में उतर गई है।

पिछला उपचुनाव हारने के बाद बीजेपी ने इस उपचुनाव के लिए नई रणनीति तैयार की है, अपनी इस रणनीति के जरिये बीजेपी खंडवा लोकसभा सहित तीनों विधानसभा सीटों पर जीत का दावा कर रही है। वहीं कांग्रेस अपने मॉडल के जरिये जीत पर आश्वास्त है। बीजेपी की रणनीति और कांग्रेस का मॉडल जानने से पहले हम सीटों की स्थिति पर एक नजर डाल लेते हैं।

ये है सीटों का समीकरण

खंडवा लोकसभा सीट – भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी। इस सीट पर बीजेपी ने पिछड़ा वर्ग से ज्ञानेश्वर पाटिल को मैदान में उतारा है। पाटिल दिवंगत नंदकुमार सिंह के करीबी रहे हैं। उनके कोरोना से निधन के पश्चात यह सीट खाली हुई थी। ओबीसी आरक्षण को लेकर हुए विवाद के बाद बीजेपी ने इस सामान्य सीट पर पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार को मैदान में उतारकर ओबीसी वोट बैंक पर सीधा निशाना साधा है। जबकि कांग्रेस ने इस सीट पर 70 वर्षीय राजनारायण सिंह को मैदान में उतारा है।

पृथ्वीपुर विधानसभा सीट – कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर के कोरोना से निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। यह सामान्य सीट है। पांच बार के विधायक रहे बृजेन्द्र सिंह राठौर के निधन के पश्चात जनता की सहानुभूति को देखते हुए कांग्रेस ने उनके बेटे नितेन्द्र सिंह राठौर पर दांव खेला है। कांग्रेस को उम्मीद है कि युवा नितेन्द्र में जनता उनके पिता को देखते हुए वोट करेगी। वहीं बीजेपी ने शिवपाल यादव को चुनावी समर में उतार दिया है। शिशुपाल यादव पिछला चुनाव सपा की टिकट पर लड़े थे और बृजेन्द्र सिंह राठौर से महज 6 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे। शिशुपाल की वजह से यहां बीजेपी प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी। शिशुपाल को टिकट देने के बाद इस सीट पर बीजेपी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। शिशुपाल सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे।

जोबट विधानसभा सीट – कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया के कोरोना से निधन के बाद जोबट सीट खाली हो गई थी। यह सीट एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है। इस सीट से पूर्व मंत्री और कांग्रेस छोड़कर शामिल हुई सुलोचना रावत को बीजेपी ने टिकट दिया है। सुलोचना रावत के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। हालांकि कांग्रेस दमोह उपचुनाव की तर्ज पर यहां भी टिकाउ और बिकाउ की रणनीति के तहत मैदान में उतर गई है। पार्टी ने यहां से महेश पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है।

रैगांव विधानसभा सीट – भाजपा विधायक जुगल किशोर बागरी का भी कोरोना से निधन हो गया था। जिसके बाद रैगांव विधानसभा सीट खाली हुई थी। यह सीट एससी वर्ग के लिए आरक्षित है। पारिवारिक विवाद में उलझी पार्टी ने यहां से बागरी की भतीजी प्रतिभा बागरी को टिकट दिया है। प्रतिभा बागरी युवा हैं और बीजेपी महिला मोर्चा में लंबे समय से सक्रिय थीं, उन्हें पार्टी ने जिला महामंत्री का दायित्व सौंपा था। महिला के साथ युवा को टिकट देकर बीजेपी ने यहां अपने परंपरागत वोटरों के अलावा युवा वर्ग और महिलाओं को भी साधने की कोशिश की है। वहीं कांग्रेस ने कल्पना वर्मा पर अपना दांव खेला है।

इसे भी पढ़ें ः त्यौहारी सीजन के लिए शिक्षा विभाग ने अवकाश किया घोषित, दशहरे में 3 दिन तो दीपावली में 5 दिन की मिली छुट्टी

ये है बीजेपी की रणनीति!

बीजेपी अपनी हिन्दुत्ववादी छवि के साथ ही घर-घर पहुंचने की रणनीति तैयार की है। हिन्दू वोटों के ध्रुवीकरण के लिए बीजेपी नवरात्रि में घर-घर कन्या पूजन करेगी। बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता प्रत्येक घर पहुंचेंगे। इसके साथ ही मंडल और बूथ स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पार्टी के कार्यकर्ता घर घर पहुंचकर मोदी और शिवराज सरकार की उपलब्धियों का बखान करेंगे। मुफ्त में लगाए जा रहे कोरोना टीके और अन्न उत्सव जैसे कार्यक्रमों का बीजेपी सीधा लाभ लेने की कोशिश में है। कांग्रेस के दो बड़े आदिवासी नेताओं को अपने पाले में लाकर बीजेपी ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव जीतने की लिए हर रणनीति अपनाएगी।

इसे भी पढ़ें ः प्रचार के अपने-अपने तरीकेः बीजेपी करेगी घर-घर कन्या पूजन, कांग्रेस गाएगी महंगाई का राग

इस मॉडल से कांग्रेस देगी मात!

दमोह उपचुनाव की तर्ज पर कांग्रेस खंडवा लोकसभा सहित तीनों विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस मुद्दों के मुताबिक हर सीट पर अलग-अलग घोषणापत्र तैयार करेगी। घोषणा पत्र तैयार करने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता जनता के बीच पहुंचेंगे। सभी सीटों पर फतह पाने के लिए कांग्रेस पार्टी ब्लॉक, सेक्टर, मंगलम और बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं और नेताओं को सक्रिय करेगी, साथ ही उन्हें चुनाव की जिम्मेदारी सौंपेगी। कांग्रेस कार्यकर्ता घर-घर पहुंचकर कोरोना के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतें, दवाईयों और इंजेक्शन की कालाबाजारी, बेरोजगारी, खस्ताहाल सड़क, बिजली की कमी, खाद के बढ़े दाम, किसानों की मौत और महंगाई जैसे मुद्दों पर बीजेपी सरकार की असफलता को गिनाएगी। पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों के साथ ही कृषि कानून के खिलाफ देश में चल रहे किसान आंदोलन और हाल ही में केन्द्रीय मंत्री के बेटे की गाड़ी से किसानों की मौत के मामले का असर बीजेपी के वोट बैंक पर पड़ेगा। कांग्रेस का मानना है कि जनता के इन मुद्दों के सहारे वो सभी सीटों पर जीत हासिल करेंगे।

इसे भी पढ़ें ः सेल्स डायरेक्टर हत्या मामलाः किन्नर ने संबंध नहीं बनाने पर चाकू से की थी हत्या, तीन गिरफ्तार