किसान सितंबर के आखिरी सप्ताह से मटर की किस्मों की बुआई कर लाखों की कमाई कर सकते हैं. अगर आप भी मटर की अगेती बुआई के बारे में सोच रहे हैं तो मटर की इन टॉप 5 किस्मों की बुआई कर सकते हैं. इसकी खेती के लिए अक्टूबर-नवंबर माह का समय उपयुक्त होता है. इस खेती में बीज अंकुरण के लिए औसत 22 डिग्री सेल्सियस की जरूरत होती है, वहीं अच्छे विकास के लिए 10 से 18 डिग्री सेल्सियस तापमान बेहतर होता है.
बुआई के 70 दिन बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. इसकी औसतन उपज 31.5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है. यह अगेती किस्म है जो कि 50-60 दिनों के बाद तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. इसकी औसतन उपज 32 क्विंटल प्रति एकड़ होती है.
कम लागत और कम समय में अधिक उपज देती हैं. खरीफ और रबी सीजन के बीच सब्जी मटर की बुआई करके आप 50 से 60 दिनों में पैदावार प्राप्त कर सकते हैं और लाखों रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं. इसकी हरी फलियों का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार मटर की कई अगेती किस्में विकसित की गई हैं. यह किस्में 50 से 60 दिन में तैयार हो जाती हैं. इसके बाद खेत जल्दी से साफ हो जाता है, किसान रबी फसल की कटाई कर सकता है.
टॉप 8 मटर की उन्नत किस्में कौन कौन सी है?
जवाहर मटर बीज किस्म
काशी उदय मटर सीड्स
पंत सब्जी मटर की किस्में
बी.एल. अगेती मटर
अंकुर रजस मटर के बीज
मालवीय मटर 2
पूसा प्रभात
पूसा पन्ना मटर की वैरायटी
यूपी की इन किस्मों को भी लगाया जा सकता है
काशी नन्दनी
काशी नंदिनी भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा विकसित किस्म है.
काशी उदय
काशी उदय इस किस्म का पौधा 58 से 62 सेमी. लम्बी होती है तथा इसमें बुआई के 35 दिन बाद फूल आते हैं.
काशी अगेती
इस किस्म में 50 प्रतिशत फूल आने में केवल 30-35 दिन लगते हैं और पहला फूल 8वीं-9वीं गांठ पर आता है.
काशी मुक्ति
काशी उदय और काशी नंदिनी की तुलना में अधिक गर्मी सहनशीलता है और दोनों किस्मों की तुलना में 5-10 दिन देर से पकती है, लेकिन उत्पादन में कोई कमी नहीं आती है.
अर्केल मटर
अपने देश में बड़े एरिया में खेती की जाने वाली यह फ्रांस की एक विदेशी किस्म है. इस किस्म की पहली तुड़ाई बुआई के 60-65 दिन बाद होती है.
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