रायपुर. हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को कमला जयंती होती है. आदि शक्ति के उग्र और सौम्य मिला कर कुल दस अवतार हैं. सभी अवतार भिन्न-भिन्न प्रकार की शक्तियों और ज्ञान से परिपूर्ण हैं और उन शक्तियों की अधिष्ठात्री हैं. इसी में दसवां अवतार हैं मां कमला.

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देवी कमला भाग्य, सम्मान और परोपकार की देवी हैं और सभी दिव्य गतिविधियों में ऊर्जा के रूप में उपस्थित रहती हैं. उन्‍हें भगवान विष्णु की दिव्य शक्ति भी माना जाता है. कहते हैं मां कमला की पूजा से विद्या और कौशल में विकास होता है. धन और एश्वर्य में वृद्धि करती है और गर्भवती महिलायें यदि इनकी पूजा करें तो उनकी संतति की रक्षा होती है.

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पूजा विधि

इस दिन प्रातः काल उठें, इसके बाद स्नान ध्यान से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. माता कमला का आहवान ॐ ह्रीं अष्ट महालक्ष्म्यै नमः॥ मन्त्र से करें. इसके पश्चात माता की पूजा फल, फूल, धुप, दीप, अगरबत्ती आदि से करें. दिन भर उपवास रखें. संध्या काल में आरती अर्चना और लक्ष्मी पूजन के पश्चात फलाहार करें. इसके बाद अगले दिन व्रत खोलें.

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