कुमार इंदर, सतना। सतना के रैगांव विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव का खामियाजा यहां के सातों विधानसभा सीट के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। बोनी का सीजन चल चल रहा है, लिहाजा किसानों को खाद की जरूरत है। लेकिन विधानसभा उपचुनाव के चलते रैगांव विधानसभाक्षेत्र में आने वाले वोटरों और किसानों को साधना के लिए कई हथकंडा अपनाया जा रहा है। इसी हथकंडे के तहत रैगांव विधानसभा को 2000 ज्यादा दो हजार से ज्यादा मेट्रिक टन खाद उपलब्ध कराई गई है, जबकि उसी सतना जिले के अंतर्गत आने वाली 6 विधानसभा सीटों में मात्र 1300 टन की खाद किसानों को समितियों के माध्यम से दी गई है। इस लेकर सतना के अन्य विधानसभा के अंतर्गत आने वाले किसानों में गुस्सा है। किसानों का कहना है कि, यहां का प्रशासन एक विधानसभा पर फोकस किए हुए हैं जिसका खामियाजा जिले भर के किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
कम खाद के चलते मनमानी कर रहे है डीलर
दूसरे विधानसभाओं में कम खाद उपलब्ध होने के चलते डीलरों पर मनमाने रेट पर किसानों को खाद उपलब्ध कराने के आरोप लग रहे हैं। किसानों की समस्याओं को देखते हुए कैश काउंटर की व्यवस्था भी की गई है, मगर किसानों की संख्या के हिसाब से यह नाकाफी साबित हो रहे हैं। किसानों की संख्या में भी गोलमाल किया गयाहै। समितियों में मात्र 40 हजार किसान दर्ज है, जबकि सतना जिले में चार लाख से ऊपर किसान रहते हैं। खाद के लिए पूरे जिले के किसान इतने इतने खासे परेशान हैं कि उन्हें खाद के लिए घंटों लाइन में गुजारने पड़ रहा है। वहीं जिला खाद विपणन अधिकारी से जब लल्लूराम डॉट कॉम ने बात करने की कोशिश की तो अधिकारी ने खाद की किल्लत से इनकार करते हुए कहा कि, हमारे पास जो भी खाद है उसे हिसाब बांटा जा रहा है।