Byjus BCCI Dues: एडटेक कंपनी बायजू को अब दिवालियापन का सामना नहीं करना पड़ेगा. नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने बायजू की पैरेंट कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बीसीसीआई के बीच हुए समझौते को मंजूरी दे दी है.

दोनों पक्षों के बीच 31 जुलाई को यह समझौता हुआ था. एडटेक स्टार्टअप ने स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट के लिए बीसीसीआई को 158 करोड़ रुपये देने पर सहमति जताई है. Byjus को यह रकम 9 अगस्त तक चुकानी है. Read More – Anant Ambani और Radhika Merchant की शादी की रस्में हुईं शुरू, मामेरु रस्म में दिखा पूरा परिवार ...

कंपनी का नियंत्रण बायजू रविंद्रन के पास वापस

एनसीएलएटी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के 16 जुलाई के आदेश को निलंबित कर दिया है, जिसमें कंपनी के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया गया था. हालांकि, आज के फैसले के बाद अब कंपनी का नियंत्रण Byjus रविंद्रन के पास वापस आ जाएगा.

एनसीएलटी के 16 जुलाई के आदेश के बाद Byjus रविंद्रन और कंपनी के बोर्ड से नियंत्रण ले लिया गया था. दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी) 2016 के अनुसार, जिस कंपनी पर दिवालियेपन की कार्यवाही शुरू की जाती है, उस कंपनी का नियंत्रण उसके बोर्ड से ले लिया जाता है.

अमेरिकी ऋणदाताओं की याचिका खारिज

बीसीसीआई और Byjus के बीच हुए समझौते का थिंक एंड लर्न को ऋण देने वाले अमेरिकी ऋणदाताओं ने विरोध किया था. हालांकि, एनसीएलटी ने पाया कि दोनों पक्षों के बीच यह समझौता लेनदारों की समिति (सीओसी) यानी कंपनी में पैसा लगाने वालों के सामने किया गया था. साथ ही समझौते के तहत दी जाने वाली राशि का स्रोत भी उचित है. Read More – Money Laundering Case : ईडी ने Nia Sharma को भेजा समन, Krystle Dsouza और Karan Wahi से भी होगी पूछताछ …

बायजू रविंद्रन के भाई ने कहा- निजी कोष से करेंगे भुगतान

बुधवार (31 जुलाई) को कंपनी के संस्थापकों के वकील अरुण कठपालिया ने एनसीएलएटी को बताया कि Byjus रविंद्रन के भाई रिजू ने 30 जुलाई को ही बीसीसीआई को 50 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था.

इसमें से 25 करोड़ रुपये 2 अगस्त को और शेष 83 करोड़ रुपये 9 अगस्त तक चुकाए जाएंगे. रिजु रविंद्रन ने कहा कि निपटान राशि उनका व्यक्तिगत फंड है, जो 2015 से 2022 के बीच कंपनी के शेयर बेचकर जुटाया गया था.