BYJU’s founder Byju Raveendran Penalty: BYJU’s के संस्थापक बायजू रवींद्रन एक बार फिर बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं. अमेरिका की एक अदालत ने उन पर करीब 9,000 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगा दिया है. यह फैसला डेलावेयर की बैंकरप्सी कोर्ट ने दिया है. मामला उनकी अमेरिकी कंपनी BYJU’s Alpha और कर्ज देने वाली कंपनी ग्लास ट्रस्ट LLC के बीच चल रहे विवाद से जुड़ा है.
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क्यों लगा इतना बड़ा जुर्माना?
2021 में BYJU’s ने अमेरिका में फंड जुटाने के लिए BYJU’s Alpha नाम की कंपनी बनाई थी. इसी कंपनी को लगभग 1.2 बिलियन डॉलर का लोन मिला था. कोर्ट का आरोप है कि इस लोन में से करीब 533 मिलियन डॉलर की राशि को बायजू रवींद्रन ने गलत जगह ट्रांसफर कर दिया और कोर्ट के कई आदेशों को भी नहीं माना. इसी वजह से उन पर इतना बड़ा जुर्माना लगाया गया.
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छोटे कस्बे से निकलकर देश की सबसे बड़ी एडटेक कंपनी खड़ी की
बायजू रवींद्रन का जन्म केरल के कन्नूर जिले के एक छोटे से कस्बे अझिकोड में हुआ. पिता फिजिक्स के टीचर थे और मां मैथ्स पढ़ाती थीं. बचपन से ही पढ़ाई का माहौल था.
उन्होंने सरकारी मलयाली मीडियम स्कूल से पढ़ाई की और फिर गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech किया.
CAT की पढ़ाई करवाते-करवाते खुद बन गए टॉपर
इंजीनियरिंग के बाद वे ब्रिटिश कंपनी Pan Ocean Shipping Ltd में सर्विस इंजीनियर बने. 2003 में छुट्टी पर घर आए तो मज़े-मज़े में दोस्तों को CAT की तैयारी कराने लगे. इस दौरान उन्होंने खुद भी CAT देने का फैसला किया, और पहले ही प्रयास में 100 परसेंटाइल ले आए. इसे इत्तेफाक मानकर उन्होंने दोबारा परीक्षा दी, और फिर 100 परसेंटाइल.
IIMs से कॉल आया, लेकिन उन्होंने नौकरी और पढ़ाने का शौक जारी रखा.
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क्लासरूम से ऑडिटोरियम तक… और फिर ऑनलाइन की ओर
धीरे-धीरे उनकी पढ़ाई की स्टाइल इतनी मशहूर हुई कि उन्हें बेंगलुरु के ऑडिटोरियम में क्लास लेनी पड़ती थी, जहां 1000 से ज्यादा छात्र बैठते थे. एक हफ्ते में वे 9 शहरों में क्लास लेते थे.
2009 में उन्होंने वीडियो लेक्चर्स शुरू किए, यही BYJU’s की डिजिटल शुरुआत थी.
2011 में कंपनी बनी, फोकस बदला और आइडिया बड़ा हुआ
2011 में उन्होंने थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड शुरू की. पहले यह कंपनी CAT, IAS, IIT जैसे एग्ज़ाम की तैयारी पर फोकस करती थी, लेकिन बाद में उन्होंने 1 से 12वीं तक के बच्चों पर ध्यान देना शुरू किया.
बायजू का मानना था कि बच्चों की नींव मजबूत होनी चाहिए, वरना आगे हर क्लास में दिक्कत आती है.
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2015 में BYJU’s App लॉन्च: और फिर कंपनी की किस्मत बदल गई
चार साल तैयारी के बाद 2015 में BYJU’s Learning App लॉन्च हुआ. यह ऐप बहुत तेज़ी से लोकप्रिय हुआ और 2018 तक यह कई देशों में फैल चुका था.
2022 तक इस ऐप को 150 मिलियन से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके थे और बच्चे रोज़ औसतन 71 मिनट ऐप पर बिताते थे.
भारत की पहली एडटेक यूनिकॉर्न
2018 में Sequoia Capital, Tencent, Chan Zuckerberg Initiative जैसे बड़े निवेशक BYJU’s से जुड़े.
उसी साल कंपनी का वैल्यूएशन 3.6 बिलियन डॉलर पहुंच गया और BYJU’s भारत की पहली एडटेक यूनिकॉर्न बन गई.
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