रायपुर। देश में कोई घुसपैठिया है तो उसे पकड़िए और भारत के संविधान के हिसाब से कार्रवाई करिए. हम भारत सरकार के साथ हैं, लेकिन एनआरसी के माध्यम से पूरे देश की जनता को प्रताड़ित करेंगे, तो हम साथ नहीं दे सकते. यह काला कानून है. जो देश को बांटने का काम कर रहे हैं. हम इसका विरोध करते हैं. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भिलाई में आयोजित संविधान बचाओ रैली को संबोधित करते हुए कही.
भिलाई के सेक्टर-7 स्कूल मैदान में सीएए-एनआरसी के विरोध में आयोजित रैली में बड़ी संख्या में जुटे लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आसाम का जिक्र करते हुए कहा कि आसाम में तीन – सवा तीन करोड़ की आबादी में एनआरसी लागू करने में 10 साल लग गए और 1600 करोड़ खर्चा आया. अब 130 करोड़ लोगों के देश में एनआरसी को लागू करने में कितने कर्मचारी लगेंगे. कितने साल लगेंगे. कितनी धनराशि लगेगी. क्या इसके बारे में अंदाजा है.
भूपेश बघेल ने एनआरसी का इतिहास बताते हुए कहा कि अंग्रेजों ने इसे 1906 में दक्षिण अफ्रीका में एशियाई लोगों के लिए लागू किया था. वर्ष 1907 में महात्मा गांधी ने इसका विरोध किया था. आसाम में लागू एनआरसी का जिक्र करते हुए कहा कि सालों से 92 हजार कर्मचारी काम करते रहे. पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के रिश्तेदार बाहर हो गए. मुख्यमंत्री सोनोवाल को कहना पड़ा कि इसमें गलती हुई है, इसमें सुधार की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आसाम के जो हालत हैं, वे इन्हें पूरे देश में फैलाना चाहते हैं. प्रधानमंत्री रामलीला मैदान में सच बोले हैं कि झूठ बोले हैं. यह कौन तय करेगा. गृहमंत्री अमित शाह एनसीआर की बात कह रहे हैं. भूपेश बघेल ने कहा कि एनआरसी के लिए लोगों को प्रमाणित करना होगा कि उनके माता-पिता कहां से हैं. माता-पिता की जन्मतिथि बतानी पड़ेगी. किसके माथे पर लिखा है कि पाकिस्तान का है, बांग्लादेश से हैं, या श्रीलंका से. सबको प्रमाणित करने की जरूरत पड़ेगी.
उन्होंने कहा कि सीएए-एनआरसी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. यह केवल मुसलमानों के लिए ही नहीं है. यह हर व्यक्ति के लिए है. बच्चे को भी प्रमाणित करना पड़ेगा. माता-पिता प्रमाणित नहीं कर पाएं तो कहां रहेंगे. बच्चे का प्रमाणित हो गया और माता-पिता का नहीं हुआ तो वे कहां रहेंगे. आज सीएए-एनआरसी को लेकर पूरे देश में आग लगी हुई है, इस सबके लिए अमित शाह जिम्मेदार हैं, नरेंद्र मोदी जिम्मेदार है. यह केवल लोगों को मुद्दे से भटकाने के लिए ही किया जा रहा है.
भिलाई में संविधान बचाओ रैली का आयोजन डॉ राकेश गुप्ता, मनमोहन अग्रवाल, डॉ विक्रम सिंघल, विनयशील व परगनिया ने किया. आयोजकों ने केंद्र सरकार की नागरिक संशोधन कानून और एनआरसी का जमकर विरोध किया. वहीं इस रैली में कांग्रेस विधायक अरुण वोरा, देवेंद्र यादव, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम, रविंद्र चौबे, मो. अकबर, बदरुद्दीन कुरैशी, ताम्रध्वज साहू के अलावा बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी, कार्यकर्ता मौजूद थे.