भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। बैठक के बाद कैबिनेट में लिए फैसले की जानकारी संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया को दी। उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद किया जिन्होंने युवाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की योजना प्रारंभ की है।

कोई भी युवा पढ़ाई पूरी कर नौकरी करता है तो केंद्र सरकार उसे 15,000 रुपए प्रतिमाह देगी।यह युवाओं के लिए एक बड़ा तोहफा है। इससे उद्योगपतियों को भी लाभ होगा। वे आसानी से युवाओं को नियुक्त करेंगे क्योंकि ₹15,000 केंद्र सरकार से मिलेगा और फैक्ट्री वाले जो वेतन देंगे वह अलग होगा। इस योजना से लगभग 3.50 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा। इस प्रोत्साहन राशि से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि प्रधानमंत्री के द्वारा लाई जा रही न्यू जनरेशन जीएसटी पॉलिसी में रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी, टैक्स कम होगा और जीएसटी की समीक्षा भी होगी। यह सामान्य जनता को टैक्स में राहत देने वाला कदम होगा, जिससे मिडिल क्लास और लोअर क्लास को सीधा लाभ मिलेगा।  माननीय प्रधानमंत्री जी को इस जनकल्याणकारी घोषणा के लिए बधाई।

उन्होंने कहा, ‘इस बार स्वतंत्रता दिवस पर हमने एक नवाचार किया। हमेशा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का भाषण होता था। मुख्यमंत्री का भाषण 45–50 मिनट तक चलता था। इस बार मुख्यमंत्री ने पहले ही बैठक कर तय किया कि प्रत्येक जिले में एलईडी स्क्रीन लगाई जाए। उसमें प्रधानमंत्री का भाषण दिखाया जाए और मुख्यमंत्री के भाषण के बाद जिले में हुए विकास कार्यों की जानकारी प्रभारी मंत्री ने दी। इसका अच्छा लाभ मिला। स्थानीय लोगों ने भी प्रशंसा की कि उन्हें पांच सालों में अपने जिले में हुए कार्यों की जानकारी मिली। यह प्रयोग सभी जगह सफल रहा और सराहा गया।’

MP ने 2024-25 में किया 66,218 करोड़ रुपए का निर्यात

‘फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में निर्यात में 6% की वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मध्यप्रदेश ने अब तक का सबसे अधिक 66,218 करोड़ रुपए का निर्यात किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 6% अधिक है। इसमें फार्मेसी, इंजीनियरिंग गुड्स आदि में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। सामान्य निर्यात में 66,218 करोड़ का योगदान है, जबकि विशेष आर्थिक क्षेत्र और आईटी सेक्टर से 4,038 करोड़ का योगदान हुआ है। इस क्षेत्र में हम पिछले वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर 15वें स्थान पर थे, अब 11वें स्थान पर आ गए हैं। आने वाले समय में हमारा लक्ष्य और ऊंचा स्थान प्राप्त करना है।’

उन्होंने कहा कि ‘प्रदेश के विकास में पूंजीगत व्यय की बड़ी भूमिका होती है। चालू वित्तीय वर्ष में तिमाही पूंजीगत व्यय में मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। गुजरात में 65%, उत्तर प्रदेश में 42% और मध्यप्रदेश में 41% पूंजीगत व्यय हुआ है। यह प्रदेश के विकसित होने का द्योतक है।’

भोपाल में किसान सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किया गया आमंत्रित  

मुख्यमंत्री की 18 अगस्त को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री जी से भेंट में भोपाल मेट्रो और किसानों से जुड़े विषयों पर चर्चा हुई। केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि दे रही है और हमने सिंचाई का रकबा बढ़ाया है। नदी जोड़ो अभियान से आने वाले समय में प्रदेश की लगभग 60–70% जमीन सिंचित हो जाएगी। हमारा लक्ष्य शत-प्रतिशत भूमि सिंचित करना है। इससे किसान अब तीन-तीन फसलें ले रहे हैं और नर्मदा तट पर तो चार-चार फसलें भी हो रही हैं। किसान खुशहाल हैं और जल्द ही भोपाल में किसान सम्मेलन आयोजित कर प्रधानमंत्री जी को आमंत्रित किया गया है।

अब रेल के डिब्बे बनाएगा एमपी

मंत्री ने बताया कि ‘प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वदेशी होना आवश्यक है। यदि हम स्वदेशी कलाकारों और निर्माताओं की वस्तुएं खरीदेंगे तो भारत आत्मनिर्भर होगा। इसी दृष्टि से केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन सरकार मिलकर कार्य कर रही है। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रायसेन के उमरिया गांव में 10 अगस्त को BEML में आधुनिक रेल कोच कारखाने का शिलान्यास किया। पहले रेल के डिब्बे बाहर से मंगाए जाते थे, अब हम स्वयं निर्माण करेंगे। इसी तरह धार जिले में पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क बन रहा है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री जी करेंगे। यह भारत की वैश्विक पहचान को पुनः स्थापित करने की दिशा में कदम है।

कटनी में 23 अगस्त को माइनिंग कॉन्क्लेव

कटनी में 23 अगस्त को माइनिंग कॉन्क्लेव होगा। इसमें देशभर के खनन क्षेत्र के लोग भाग लेंगे। इसमें स्ट्रेटजिक और क्रिटिकल मिनरल्स पर विशेष फोकस होगा। बाबा महाकाल की 18 अगस्त को उज्जैन में राजसी सवारी निकली। इस बार सवारी में कई नवाचार किए गए। पहली सवारी शंखनाद और वैदिक मंत्रों के साथ निकली थी। अन्य सवारियों में विभिन्न भारतीय लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया गया। अंतिम सवारी में विशेषकर जनजातीय समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और उनके पारंपरिक नृत्य आकर्षण का केंद्र बने। इस बार की सवारी ऐतिहासिक रही। भीड़ सिंहस्थ जैसी थी। हेलीकॉप्टर से बाबा महाकाल पर पुष्प-वर्षा की गई, जिसमें जनभागीदारी भी रही।

बैरसिया में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित हो रहा 

भोपाल के पास बैरसिया में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर भारत सरकार के सहयोग से स्थापित हो रहा है। इसका नोडल विभाग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी है। इसमें 371 करोड़ का निवेश होगा, जिसमें 225 करोड़ राज्यांश और 146 करोड़ केंद्र सरकार का अंश होगा। यह रिसर्च एवं डेवलपमेंट के लिए कार्य करेगा। इससे इंजीनियरिंग कॉलेजों और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को शोध और नवाचार का उचित प्लेटफॉर्म मिलेगा।

पांच आयुर्वेदिक महाविद्यालय और वेलनेस सेंटर की स्थापना

कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि हमारे संकल्प पत्र में कहा गया था कि प्रत्येक संभाग में आयुष चिकित्सालय और वेलनेस सेंटर स्थापित होंगे। अभी पांच आयुर्वेदिक महाविद्यालय और वेलनेस सेंटर सागर, शहडोल, नर्मदापुरम, बालाघाट और मुरैना में स्थापित किए जा रहे हैं। प्रत्येक महाविद्यालय के निर्माण की लागत लगभग 70 करोड़ होगी। इस प्रकार पांचों की अनुमानित लागत लगभग 350 करोड़ है। इन महाविद्यालयों के माध्यम से आयुर्वेदिक चिकित्सा को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही वेलनेस सेंटर में लोग प्राकृतिक चिकित्सा और परंपराओं के अनुरूप जीवनशैली अपनाने का लाभ ले सकेंगे।

भोपाल के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में एंडोक्राइनोलॉजी विभाग की होगी स्थापना

भोपाल के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में एंडोक्राइनोलॉजी विभाग की स्थापना की स्वीकृति आज कैबिनेट ने प्रदान की है। आप सभी जानते हैं कि एंडोक्राइनोलॉजी के माध्यम से साधारणत: जो बीमारियां होती हैं, उनके लिए हमारे यहाँ अभी तक कोई विशेष केंद्र नहीं था। इस संबंध में रिसर्च सेंटर और विशेषज्ञों की बहुत आवश्यकता थी।

वर्तमान में यहां एमबीबीएस पाठ्यक्रम की 250 सीटें उपलब्ध हैं। भारत सरकार की केंद्र प्रवर्तित योजना के अंतर्गत इसमें 134 सीटों की स्वीकृति दी गई है। इसमें कुल 20 पदों की आवश्यकता को स्वीकृत किया गया है, जिनमें सहायक प्राध्यापक, सीनियर रेज़िडेंट, जूनियर रेज़िडेंट, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, जूनियर नर्सिंग ऑफिसर और प्राध्यापक शामिल हैं। इन पदों के सृजन में वार्षिक एक करोड़ रुपये की लागत आएगी।

 इस विभाग से थायराइड, शुगर आदि पर रिसर्च और सही इलाज संभव होगा। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में आया है कि एशिया में हर छठा व्यक्ति शुगर का मरीज होगा। यह सब हमारी लाइफ स्टाइल का परिणाम है, इसलिए इस पर अनुसंधान और उपचार अत्यंत आवश्यक है।

आदिवासी विद्यार्थियों को अब 12 महीने छात्रवृत्ति 

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को प्रदेश सरकार शिक्षावृत्ति देती है। विद्यार्थी जीवन में सामान्यतः: 10 महीने की ही छात्रवृत्ति दी जाती थी और 2 महीने की छुट्टी के कारण कटौती हो जाती थी। परंतु आदिवासी भाइयों ने निवेदन किया कि जब वे हॉस्टल में रहते हैं तो उन्हें 12 महीने की छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए, क्योंकि बीच-बीच में प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं, गरीब विद्यार्थी घर में पढ़ाई नहीं कर पाते और हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करना चाहते हैं। आज की प्रतिनिधि कैबिनेट ने यह स्वीकृति प्रदान की है कि आदिवासी विद्यार्थियों को अब 12 महीने छात्रवृत्ति मिलेगी। इसमें विद्यार्थियों को ₹1650 और बालिकाओं को ₹1700 की स्कालरशिप दी जाती है।

कमिशनिंग मदर” की प्रस्तुति का अवकाश भी स्वीकृत 

सिविल सेवा के हमारे कर्मचारी-अधिकारी वर्ग के अवकाश संबंधी नियम अब भारत सरकार के अनुरूप कर दिए गए हैं। इसमें विशेषकर महिला शासकीय सेवकों के लिए “कमिशनिंग मदर” की प्रस्तुति का अवकाश भी स्वीकृत किया गया है। कमिशनिंग का आशय है कि यदि स्वयं मातृत्व न अपनाकर किसी और की गोद से बच्चा लिया गया है तो उस बच्चे के पालन-पोषण के लिए अवकाश दिया जाएगा। यह एक नवीन प्रावधान है।

पितृत्व अवकाश के लिए 15 दिन स्वीकृत 

इसके अतिरिक्त शैक्षणिक स्टाफ को एक वर्ष में 10 दिन अर्जित अवकाश की पात्रता दी गई है। संतान ग्रहण के लिए पितृत्व अवकाश 15 दिन स्वीकृत किया गया है। एकल पुरुष शासकीय सेवक को भी संतान पालन अवकाश की पात्रता दी जाएगी। यह भी नया प्रावधान है। यदि कोई सिंगल पेरेंट्स हो, उसे भी अवकाश मिलेगा। दिव्यांग अथवा गंभीर रूप से अस्वस्थ शासकीय सेवक को अवकाश के लिए आवेदन यदि तत्काल न दे पाए और बाद में दे तो भी उसका आवेदन मान्य किया जाएगा। यह सुधार भारत सरकार की तर्ज पर हमारे प्रदेश में लागू किया गया है और इसका लाभ सभी सिविल सेवकों को मिलेगा।

सभी जिलों में गीता भवन 

सभी जिलों में गीता भवन बनाने की आज कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की। गीता भवन केवल प्रवचन का ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति का केंद्र बनेगा। यहाँ अच्छी लाइब्रेरी, कैफेटेरिया और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए स्थान होगा। सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि नगर निगम या नगर पालिका की जमीन उपलब्ध न हो तो राजस्व विभाग की जमीन न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध कराई जाए। यह योजना पांच वर्षों के लिए है और अपेक्षा की गई है कि पांच वर्षों में सभी जिलों में गीता भवन बन जाएँ। इसमें सक्षम लोग स्वयं भी भवन बना सकते हैं या पीपीपी मॉडल पर भी बनाए जा सकते हैं।

मुरैना की शुगर फैक्ट्री के संबंध में लिया गया निर्णय 

कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि मुरैना जिले के कैलारस में बहुत पुरानी शुगर फैक्ट्री है जो वर्षों से बंद है। मुख्यमंत्री ने शपथ ग्रहण के बाद सबसे पहले मिल मजदूरों के 25–30 साल से रुके भुगतान को दिलाने का कार्य किया था। उसी प्रकार मुरैना की शुगर फैक्ट्री के संबंध में भी निर्णय लिया गया। किसान और जनप्रतिनिधि चाहेंगे कि आधुनिक शुगर मिल स्थापित हो और गन्ने की खेती पुनः बढ़ाई जाए, तो यहाँ शुगर मिल चलाई जाएगी।

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