राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश एमपी विधानसभा का 4 दिवसीय मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया. चार दिवसीय सत्र हंगामे और शोर शराबे के बीच डेढ़ दिन में ही समाप्त हो गया. वहीं बीजेपी अब कांग्रेस को चौतरफा घेरती हुई नजर आ रही है. सत्र के छोटे होने वाले कांग्रेस के बयान पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधा, तो वहीं एक मंत्री ने कहा कि कमलनाथ दिल्ली जाएं और केंद्र में राजनीति करें.
पीसीसी चीफ कमलनाथ के विधानसभा का ज्यादा अनुभव न होने वाले बयान पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जमकर निशाना साधा है. भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कमलनाथ दिल्ली जाएं, दिल्ली में केंद्र की राजनीति करें. उन्होंने कहा कि मैंने आज तक ऐसा गैरजिम्मेदाराना विपक्ष नहीं देखा. विपक्ष की कोशिश होती है कि विधानसभा ज्यादा से ज्यादा चले, लेकिन ये ऐसा विपक्ष है, जो ये चाहता है कि विधानसभा ज्यादा न चले.
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मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कई मुद्दे थे जिन पर चर्चा हो सकती थी. कांग्रेस सिर्फ समाज को बांटने की कोशिश की. इन दिनों आदिवासी के नाम और एक दिन ओबीसी के नाम पर भ्रम फैलाकर हो हल्ला किया. उन्होंने कहा कि इसका कारण नेता प्रतिपक्ष का विधानसभा में कोई रुचि न होना है. कमलनाथ कांग्रेस के बड़े नेता हैं, वे दिल्ली जाएं और केंद्रीय राजनीति करें.
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वहीं प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस चर्चा करने के लायक नहीं है. हमने पहले कहा था चर्चा को तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस के विधायक कुर्ता फाड़ रहा है फिर भी बाढ़ पर चर्चा नहीं की. उन्होंने कहा कि शराब, मौत, लॉ एंड आर्डर, बाढ़, बाढ़ के नुकसान पर बात होती तो हम जवाब देते, वो (कांग्रेस) खुद बात नहीं कर रहे. कमलनाथ पर भी निशाना साधते हुए गृहमंत्री ने कहा कि विचित्र स्थिति में कांग्रेस है. 30 महीने बाद नेता प्रतिपक्ष कहता है कि सदन का अनुभव नहीं हुआ. नया विधायक भाषण देने लगा, लेकिन कमलनाथ अब तक नहीं सीखें.
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नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जब कमलनाथ को विधानसभा का अनुभव नहीं हैं, तो वह नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर क्यों बने हुए हैं. कमलनाथ हमेशा बेतुकी बातें ही करते हैं. उन्होंने खुद स्वीकार किया है कि उन्हें संसद का अनुभव है विधानसभा का नहीं है. गृहमंत्री ने कहा कि ऐसे में यह सवाल उठता है कि उन्हें अब तक विधानसभा का अनुभव नहीं हो पाया है, तो फिर नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर क्यों बने हुए हैं. यह जिम्मेदारी किसी आदिवासी नेता को क्यों नहीं सौंपते हैं.
गौरतलब है कि विधानसभा का मानसून सत्र हंगामें के बाद अनिश्चितकालीन के लिए विधानसभा स्थगित हो गई है. इस दौरान विधानसभा में पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा था कि मेरे पास विधानसभा का ज्यादा अनुभव नहीं है. जिसके बाद से बीजेपी कमलनाथ पर हमलावर हो गई है.
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