नजूल संपत्ति विधेयक ने योगी सरकार को मुश्किल में डाल दिया है. खुद सरकार का हिस्सा बने और सहयोगी पार्टी के लोग इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में सरकार को अपने ही लोगों का समर्थन नहीं मिल पा रहा है. ये विधेयक बीच में ही लटक गया है. विधानपरिषद में विरोध को देखते हुए विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया गया है.
यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने विधेयक को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आज भी नदी के किनारे सैकड़ों लोग रहते हैं वो कागज कहां से लाएंगे. वो कैसे कागज बनवाएंगे. जो पढ़े लिखे भी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी को स्थापित करने के लिए है. हमारी सरकार बड़े लोगों से टैक्स लेकर जिनके पास आवास नहीं है उन्हें घर दे रही है. कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो सरकार को ऐसे घुमा रहे हैं कि वोटर नाराज हो जाएं. आगे चुनाव हैं, अगर हमने उन्हें उजाड़ा तो वो हमें उखाड़ देंगे. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.
‘अपनों’ के समर्थन का मोहताज नजूल संपत्ति विधेयक
बता दें नजूल संपत्ति विधेयक का विरोध लगातार हो रहा है. विपक्ष के अलावा सत्ता पक्ष के लोग और सहयोगी सभी इस पर आपत्ति जता रहे हैं. सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने भी इस पर विचार करने की मांग की है. इसके अलावा कुंडा से विधायक राजा भैया ने भी इसका सदन में विरोध किया है. तो वहीं केंद्र सरकार में सहयोगी मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी इस पर विरोध जताया है. उन्होंने X पर पोस्ट सरकार से इस विधेयक को तत्काल वापस लेने की बात कही है.
इतना ही नहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी इस विधेयक पर विरोध जता चुके हैं. इसके अलावा कई मंत्री भी हैं जिन्हें इस विधेयक से आपत्ति है.
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