नई दिल्ली . भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पुनर्निर्माण मामले का ऑडिट करेगा. राजनिवास के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा इसकी सिफारिश की गई है.

दिल्ली उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना  के कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल के 24 मई को प्राप्त एक पत्र पर गौर करने के बाद विशेष कैग ऑडिट की सिफारिश की है. पत्र में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के पुनर्निर्माण में घोर और प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितताओं का उल्लेख किया गया था. एमएचए ने इस बात को ध्यान में रखते हुए कैग ऑडिट के आदेश दिए हैं.

राजनिवास सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के पुनर्निर्माण में प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितताओं की तरफ इशारा किया गया था. इसमें नियमों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने की बात कही गई थी. इस रिपोर्ट को उपराज्यपाल (एलजी) की ओर से 24 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा गया था.

इन अनियमितताओं का उल्लेख सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव की रिपोर्ट में कई अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है. रिपोर्ट में लोक निर्माण विभाग और दिल्ली सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास के पुनर्निर्माण के नाम पर नियमों, विनियमों और दिशानिर्देशों के उल्लंघन का विवरण दिया है. पत्र में कहा गया है कि शुरुआती प्रस्ताव में मुख्यमंत्री आवास में अतिरिक्त इमारत उपलब्ध कराने का था, लेकिन बाद में मौजूदा इमारत को ध्वस्त करने के बाद पूरी तरह से नए निर्माण के प्रस्ताव को मंत्री ने मंजूरी दी गई. पत्र में कहा गया है कि निर्माण कार्य की शुरुआती लागत 15 से 20 करोड़ रुपये थी जो समय-समय पर बढ़ती गई. पत्र में कहा गया है कि रिपोर्ट के अनुसार अब तक कुल 52,71,24,570 रुपये लगभग 53 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो शुरुआती अनुमान से तीन गुना से अधिक है.

AAP ने की जांच की निंदा

केंद्र के इस रुख के बाद आप ने एक तीखा बयान जारी कर केंद्र के कदम की निंदा की. आप ने कहा कि मोदी सरकार के इस कदम से हताशा का संकेत मिलता है, क्योंकि बीजेपी को 2024 के आम चुनावों में हार का अंदेशा है. जहां तक मुख्यमंत्री आवास के पुनर्निर्माण के संबंध में खर्चों की कैग से जांच की बात है, तो यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह पिछले साल ही की जा चुकी है, जिसमें वित्तीय अनियमितताओं का कोई सबूत नहीं मिला.

आप ने कहा कि कैग ऑडिट दोबारा शुरू करना बीजेपी की हताशा, सनक और निरंकुश प्रवृत्ति का स्पष्ट प्रतिबिंब है. सत्तारूढ़ दल ने कहा कि बीजेपी दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी लगातार चुनावी हार से परेशान है. आप ने कहा कि कैग आडिट का कदम दिल्ली की ईमानदार सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का एक प्रयास है. आप ने कहा कि प्रतिशोध में बीजेपी इस तरह के कार्यों के माध्यम से अपने पतन की शुरुआत कर रही है. आप ने बीजेपी पर स्थापित सत्ता संरचना को कमजोर करने के गुप्त प्रयासों में शामिल होने का भी आरोप लगाया. कैग जांच कराना एक निर्वाचित सरकार का विशेषाधिकार है. दिल्ली सरकार के मामलों में हस्तक्षेप कर केंद्र सरकार संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन कर रही है.