Lalluram Desk. भारतीय क्रिकेट के दिग्गज मोहम्मद शमी को कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने स्टार तेज गेंदबाज और अपनी पत्नी हसन जहां और बेटी आयरा से अलग होने के मामले में अपना फैसला सुनाया है.
हाईकोर्ट ने शमी को ‘घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम’ के तहत दर्ज मामले में 4 लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है. इस राशि में से 1.5 लाख रुपये प्रति माह हसन को मिलेंगे, जबकि 2.5 लाख रुपये प्रति माह उनकी बेटी को दिए जाएंगे. कोलकाता की शीर्ष अदालत ने यह फैसला तब सुनाया, जब जिला ने पहले फैसला सुनाया था कि शमी को 2023 में अपनी पत्नी को 50,000 रुपये प्रति माह और अपनी बेटी को 80,000 रुपये प्रति माह का भुगतान करना होगा.
हसन ने खुद के लिए 7 लाख रुपये प्रति माह और 2.5 लाख रुपये प्रति माह के मुआवजे की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. अपनी बेटी के लिए 3 लाख रुपये प्रति माह.
एक रिपोर्ट के अनुसार 1 जुलाई को पारित आदेश में अदालत ने कहा, “मेरी राय में, याचिकाकर्ता नंबर 1 (पत्नी) को 1,50,000 रुपये प्रति माह और उसकी बेटी को 2,50,000 रुपये प्रति माह देना दोनों याचिकाकर्ताओं के लिए वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उचित और उचित होगा…”
अदालत ने यह भी कहा कि शमी चाहें तो अपनी बेटी की शिक्षा और अन्य खर्चों के लिए अधिक भुगतान कर सकते हैं.
शमी ने 2014 में हसन से शादी की और उनकी बेटी का जन्म 2015 में हुआ. 2025 में, भारतीय क्रिकेटर को घरेलू हिंसा के आरोपों के साथ अपनी पत्नी की ओर से एफआईआर का सामना करना पड़ा. तेज गेंदबाज पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया गया था. बीसीसीआई ने शमी का केंद्रीय अनुबंध रोक दिया था. भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीयू) द्वारा आरोपों की जांच भी की गई थी. इसके बाद मार्च 2019 में शमी का अनुबंध बहाल कर दिया गया.
फिलहाल, शमी चोट से उबर रहे हैं, फिटनेस संबंधी समस्याओं के कारण उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं मिली थी. उन्हें आखिरी बार 2025 इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान खेलते हुए देखा गया था. शमी ने भारत को 2025 चैंपियंस ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका निभाई थी.