Camel ride in Maha Kumbh: प्रयागराज में महाकुंभ 2024 के शुभारंभ से पहले ही संगम, गंगा और यमुना के तटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगी है। इस बार महाकुंभ मेले में कई नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं, जिनमें ऊंट की सवारी खास आकर्षण का केंद्र बन रही है।
मेले के दौरान श्रद्धालु किला घाट से ‘संगम नोज’ तक ऊंट की सवारी का आनंद ले सकेंगे। राजस्थान के जैसलमेर से लाए गए इन ऊंटों को बड़े सुंदर तरीके से सजाया गया है। ऊंट संचालकों ने इनका नाम रामू, घनश्याम और राधेश्याम रखा है, जो बच्चों और परिवारों के लिए बेहद आकर्षक हैं।

रहेगी ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा
ऊंट की सवारी का किराया मात्र 50 से 100 रुपये तक रखा गया है, जिससे श्रद्धालु बिना किसी आर्थिक दबाव के इसका आनंद उठा सकते हैं। खास बात यह है कि ऊंट की सवारी के लिए ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प भी मौजूद है। ऊंटों के गले और पीठ पर यूपीआई बार कोड लगाए गए हैं, जिससे श्रद्धालु डिजिटल भुगतान कर सकते हैं।
दुल्हन की तरह सजे ऊंट
सवारी को आरामदायक बनाने के लिए ऊंटों को गद्देदार सीटों से सजाया गया है। राजस्थान की पारंपरिक शैली में सजे ये ऊंट न केवल सवारी के लिए उपयोगी हैं, बल्कि मेले में सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक हैं। हर ऊंट की कीमत 45,000 से 50,000 रुपये के बीच है।
13 जनवरी से शुरू होगा महाकुंभ
महाकुंभ 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) से शुरू होकर 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) तक चलेगा। 45 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करेंगे। पौराणिक मान्यता है कि समुद्र मंथन से निकले अमृत की बूंदें प्रयागराज में गिरी थीं, जिसके कारण यहां महाकुंभ का आयोजन होता है।
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