बेइंतहा प्यार की परिभाषा देखनी हो तो इस 73 साल के शख्स की देखिए..जिसने अपनी पत्नी की मौत के बाद 22 साल तक शव ताबूत में बंद कर घर में रखा, इतना ही नहीं आगे चल कर कोई कानूनी पेंच न फंसे इसके लिए कानून की पढ़ाई भी की. ताबूत काे घर के पीछे एक शेड में रखकर राेज उसके सामने बाते भी किया करता था. जब लगा कि कानून से बच नहीं सकता ताे भावुक होकर ताबूत काे विधि-विधान से दफनाया. जब ताबूत खाेला गया तब उसमें केवल हड्डियां ही माैजूद थी.
यह मामला है थाइलैंड का जहां सेना में डाॅक्टर रहे चार्न की पत्नी जीरावां खाओसुन साल 2001 में चल बसी थीं. उन्हें दिमागी तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दाैरान उनकी मौत हाे गई थी. लेकिन वे पत्नी से बेइंतहा प्यार करते थे इसलिए उन्हें दफनाने के बजाए घर में ही अपने साथ रखने का फैसला किया. 55 वर्षीय पत्नी की माैत के बाद उनकी मृत्यु काे रजिस्टर्ड भी करवाया और धार्मिक संस्कार भी किए गए लेकिन उन्हें अंत में दफनाया नहीं.
1972 में हुई थी दोनों की पहली मुलाकात हुई थी, शादी के बाद दो बच्चे भी हुए. चार्न अपनी पत्नी जीरावां की कर्मठता से बहुत प्रभावित थे चार्न ने कहा- ‘मैं अपनी पत्नी काे बेहद चाहता हूं, वाे नहीं रहीं, यह साेचकर मैं भावनात्मक तौर पर उसे दफन नहीं कर सका. मैंने दाेनाें बेटों को भी कहा कि मां यहीं है हमारे बीच और कहीं नहीं गई है.
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