Pierre Poilievre Attack On Pm Justin Trudeau: भारत (India) के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने और कनाडा-भारत के रिश्तों (Canada-India Relation) की गहरी होती खाई के बीच पीएम जस्टिन ट्रूडो अपने ही लोगों के निशाने पर आ गए हैं। एक तरफ, जहां इनकी की पार्टी के सांसदों ने 28 अक्टूबर तक इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दे दिया। वहीं अब जस्टिन ट्रूडो अपने ही देश में लोगों के बीच हंसी का पात्र बनकर रह गए हैं। कनाडा की संसद में कनाडाई पीएम की इंग्लिश का जमकर मजाक उड़ाया गया। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है।
दरअसल जस्टिन ट्रूडो कनाडाई संसद में इमिग्रेशन को लेकर विपक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों पर अपनी सरकार का बचाव कर रहे थे। इसी दौरान एक शब्द की वजह से विपक्षी नेताओं ने उन्हें निशाने पर ले लिया। भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैला रहे ट्रूडो की कनाडा के विपक्षी नेताओं ने जमकर क्लास लगाई। उनकी अंग्रेजी का भी जमकर मजाक उड़ाया और कहा- इनसे सिर्फ टूटता है, जुड़ता ही नहीं।
वीडियो में दिख रहा है कि सरकार की आर्थिक नीतियों का बचाव करते हुए ट्रूडो ने कहा कि एक बार फिर हम देख सकते हैं कि नेता प्रतिपक्ष कनाडा में brokenist (तोड़ने वाले) विजन पर जोर दे रहे हैं, जो वास्तविकता से कोसों दूर है।ष इस पर कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे (Pierre Poilievre) तुरंत उठे और चहकते हुए कहने लगे कि brokenist… ये तो कोई शब्द भी नहीं है। वह (ट्रूडो) तो अंग्रेजी भाषा भी तोड़-मरोड़ रहे हैं। उनके ऐसा कहते ही संसद में विपक्षी सांसद ठहाके लगाकर हंसने लगे।
पोइलिवरे ने कहा कि ट्रूडो ने जो तोड़ा है, वे तो उसे जोड़ भी नहीं सकते क्योंकि वे अपनी ही पार्टी से लड़ने में व्यस्त हैं। इमिग्रेशन, हाउसिंग और अन्य जरूरी मामलों पर ट्रूडो ने जो नुकसान किया है, उसे अब वह ठीक नहीं कर सकते, क्योंकि वह खुद अपनी ही पार्टी में घिर गए हैं।
भारत-कनाडा के रिश्ते इस वक्त वेंटिलेटर पर
बता दें कि कनाडा ने पिछले साल हुई खालिस्तानी समर्थक निज्जर की हत्या मामले में भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद विगत सोमवार को ही भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को देश से निकाल दिया, जिसके कुछ घंटे पहले भारत ने कनाडा के चार्ज डी’अफेयर्स स्टीवर्ट व्हीलर को तलब किया था। यह कार्रवाई ट्रूडो के उस दावे के बाद हुई। इसके बाद कनाडा ने भी छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।
पार्टी के सांसदों ने 28 अक्टूबर तक इस्तीफा देने का दिया समय
ट्रूडो को अपनी ही पार्टी से विरोध का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि कई लिबरल सांसद अब नेता से चौथी बार चुनाव न लड़ने का आग्रह कर रहे हैं, और उन्हें अपना निर्णय लेने के लिए 28 अक्टूबर तक की समयसीमा दी है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार, तीन लिबरल ने कहा कि वे पार्टी के कुल 20 से अधिक सांसदों में से हैं, जिन्होंने ट्रूडो को अगले चुनाव से पहले पद छोड़ने के लिए कहने वाले पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। न्यूफ़ाउंडलैंड से लिबरल सांसद केन मैकडोनाल्ड ने कहा, “उन्हें लोगों की बात सुननी शुरू करनी होगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया है।
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