कैनेडियन बार्डर सिक्योरिटी एजेंसी (CBSA) ने 700 से ज्यादा भारतीय छात्रों को डिपोर्ट करने का नोटिस जारी किया है. जिनके शिक्षण संस्थानों में दाखिले संबंधी आफर लैटर फर्जी पाए गए हैं. एक अधिकारी के मुताबिक एक ट्रैवल एजेंट द्वारा चलाए जा रहे एजुकेशन माइग्रेशन सर्विसिज के माध्यम से लगभग 700 छात्रों ने स्टडी वीजा के लिए अप्लाई किया था. ये वीजा एप्लीकेशन 2018 से 2022 के बीच दी गईं.
ट्रैवल एजेंट ने प्रमुख कॉलेज में एडमिशन फीस सहित सभी खर्चों के लिए हर स्टूडेंट से करीब 16 से 20 लाख रुपये भी वसूले, लेकिन मुसीबत तब शुरू हुई, जब सी.बी.एस.ए. ने उन दस्तावेजों की जांच की. जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया कि दाखिला संबंधी दस्तावेज फर्जी हैं. जिसके बाद सभी छात्रों को देश से निकलने का नोटिस जारी कर दिया गया है.
अधर में लटका स्टूडेंट्स का भविष्य
अधिकारी के मुताबिक जब ये सभी छात्र टोरांटो में उतरे और कॉलेज जा रहे थे, तब उक्त एजेंट ने उन्हें टैलीफोन कर बताया कि कोर्स संबंधी सभी सीटें भर गई हैं. उन्हें अगले कोर्स के लिए 6 महीने तक का इंतजार करना होगा. 6 महीने बाद वे किसी दूसरे कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं. हालांकि उसने कॉलेज की फीस वापस कर दी, जिसके साथ स्टूडैंट्स को उसकी बात पर विश्वास हो गया. लेकिन अब दस्तावेजों के फर्जी पाए जाने के बाद कनाडा सरकार ने सभी स्टूडैंट्स को डिपोर्ट करने के आदेश दे दिए गए हैं, जिसके साथ कई छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है.
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