Justin Trudeau Resign: इस वक्त की बड़ी खबर कनाडा से आई है। कनाडा (Canada) के पीएम जस्टिन ट्रूडो पद से इस्तीफा दे दिया है। कनाडाई प्रधानमंत्री ने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। उन्हें अपनी लिबरल पार्टी के नेता के रूप में भी इस्तीफा देना पड़ा है। उन्होंने अपनी सरकार और व्यक्तिगत आलोचनाओं के बीच उन्होंने यह फैसला लिया है। देश को दिए अपने संबोधन में ट्रूडो ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया। इसी के साथ ही उन्होंने कनाडाई संसद के भी 24 मार्च तक स्थगन का ऐलान कर दिया है। जस्टिन ट्रूडो 2015 में भारी बहुमत के साथ चुनकर आए थे, और पहली बार कनाडा के प्रधानमंत्री बने थे। जस्टिन ट्रूडो 11 सालों से लिबरल पार्टी के नेता और नौ सालों से कनाडा के प्रधानमंत्री थे।
जस्टिन ट्रूडो ने 6 जनवरी को ओटावा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और बताया कि वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं, और ये कि अगला नेता चुने जाने तक वह कार्यवाहक पीएम बने रहेंगे। साथ ही उन्होंने संसद के 24 मार्च तक स्थगन का भी ऐलान कर दिया, जहां विपक्षी पार्टियां उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रही थी।
ट्रूडो ने कहा, “यह देश अगले चुनाव में एक वास्तविक विकल्प का हकदार है, और यह मेरे लिए स्पष्ट हो गया है कि अगर मुझे आंतरिक लड़ाई लड़नी पड़ रही है, तो मैं उस चुनाव में सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता।
बता दें कि ट्रूडो पिछले कई महीने से अपनों के निशाने पर थे। साथ ही खालिस्तानियों को लेकर भारत के तल्ख रिश्ते और कनाडा में पर कार्रवाई नहीं होने पर भी वो विपक्ष के निशाने पर थे।
ट्रूडो के इस्तीफे के पीछे कई कारण
ट्रूडो के इस्तीफे के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। जिनमें से कुछ ने उन पर इतना दबाव डाला कि वे इसे सहन नहीं कर पाए.। इन कारणों में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगातार की जा रही ट्रोलिंग से लेकर उनकी ही पार्टी के नेताओं की बगावत तक शामिल है। ट्रंप की ट्रोलिंग ने ट्रूडो को खासा परेशान कर दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने ट्रूडो को ‘अमेरिका के 51वें राज्य का गवर्नर’ कहकर संबोधित किया था। इसके अलावा, ट्रंप ने कनाडा पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी भी दी थी, जिससे ट्रूडो की कनाडा में काफी आलोचना हुई। साथ ही खालिस्तानियों को लेकर भारत के तल्ख रिश्ते के कारण भी ट्रूडो अपने ही पार्टी के निशाने पर आ गए थे। इनके शासनकाल में भारत-कनाडा के रिश्ते में दरार आ गई थी।
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उनके कार्यकाल में कनाडा के भारत समेत अन्य देशों के साछ अंतरराष्ट्रीय संबंध भी बिगड़ते गए। इनमें इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू का मामला भी है। ट्रूडों ने इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ बयानबाजी की। नेतन्याहू को लेकर दिए गए उनके बयान ने अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम को नाराज कर दिया, जिन्होंने ट्रूडो को चेतावनी दी कि अगर कनाडा ने नेतन्याहू को गिरफ्तार किया तो अमेरिका उनकी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगा।
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