टुकेश्वर लोधी, आरंग। आमतौर पर हमेशा देखा जाता है कि शासकीय विभाग मानसून के पूर्व अपनी तैयारियां पूरी कर लेता है, जिससे बरसात में लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है. वैसे तो जल संसाधन विभाग बना है किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए लेकिन रायपुर जल संसाधन विभाग को किसानों की कोई चिंता नहीं है. विभाग की लापरवाही का खामियाजा आरंग सहित जिले के हजारों किसानों को भुगतना पड़ सकता है. खरीफ फसल में किसानों के खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने के लिए जिस नहरों और माइनर की सहायता ली जाती है, अब तक इनकी सफाई नहीं हो पाई है. जल संसाधन विभाग द्वारा उचित रखरखाव नहीं होने से यहां खरपतवार और कचरे का अंबार लगा हुआ है. यही स्थिति पूरे क्षेत्र में है.
आरंग क्षेत्र के नहर और माइनर की नहीं हुई है सफाई
रायपुर डिवीजन के अंतर्गत सब डिवीजन आरंग 04 के लखौली मेन केनाल से वितरक शाखा के माइनर पूरे आरंग क्षेत्र में फैला हुआ है. इससे गंगरेल बांध से खरीफ फसल के किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए पानी मिलता है. लेकिन विभाग के उदासीनता और लापरवाही के कारण अभी तक नहर और माइनर की सफाई नहीं हो पाई है. रखरखाव के अभाव में नहर और माइनर, खरपतवार और कचरे से पटा हुआ है. विभाग की ओर से समय-समय पर इसको साफ करने की बात कही जाती है लेकिन तस्वीर को देखकर आप समझ सकते है. अगर विभाग द्वारा समय-समय पर इसका रखरखाव किया जाता तो खरपतवार और कचरे का अंबार भी नहीं लगा होता.
लंबे समय से नहीं हुई नहरों की सफाई : किसान
क्षेत्र के किसानों ने बताया कि काफी लंबे समय के नहरों और माइनर की सफाई नही हुई है. विभाग के अधिकारी कर्मचारी सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर देते है. किसानों ने बताया की कई बार सफाई के लिए नगर पालिका के जेसीबी की मदद ली जाती है और स्वयं के व्यय से सफाई कराना पड़ता है.विभाग द्वारा उचित रखरखाव नहीं किया जाता है.अगर नहर और माइनर की देखरेख विभाग द्वारा की जाती तो खरपतवार और कचरे का अंबार नही लगा होता.किसानों ने बताया कि सफाई नही होने से अंतिम छोर से किसानों पर सिंचाई का पानी नहीं पहुंच पाता है.जब गंगरेल बांध से पानी छोड़ा जाता है तो सफाई नही होने से पानी माइनर के ऊपर से बहने लगता है जिससे पानी कही भी घुस जाता है.
सब डिवीजन आरंग लेकिन कार्यालय रायपुर में, किसानों को होती है परेशानी
आपको जानकर हैरानी होगी कि रायपुर डिवीजन के अंतर्गत आरंग सब डिवीजन है, जिसमें लखौली केनाल से आरंग क्षेत्र के हजारों किसानों को अपने खेतों की सिंचाई के लिए पानी मिलता है. कायदे से आरंग सब डिवीजन होने से आरंग में ही इसका कार्यालय होना था लेकिन इसका कार्यालय रायपुर में है.किसानों को अपनी हर छोटी बड़ी समस्याओं के लिए रायपुर जाना होता है,अगर वहां भी संबंधित अधिकारी से मुलाकात हुई तो काम होता है वरना किसानों को निराशा हाथ लगती है.
जिम्मेदार अधिकारी नहीं उठाते फोन
इस पूरे मामले में आरंग में जिम्मेदार अधिकारी नहीं होने के कारण जब हमारे लल्लूराम डॉट कॉम संवाददाता टुकेश्वर लोधी ने जल प्रबंध 01 के कार्यपालन अभियंता (E.E) ललित रावटे,अनुविभागीय अधिकारी आरंग (S.D.O) पी.के.पाल से मोबाइल के माध्यम संपर्क करने की कोशिश की तो किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया.
प्रदेश में किसानों की समस्या किसी से छुपी नहीं है. किसान हर परिस्थिति से लड़कर खेतों में फसल उगाता है लेकिन किसान हर बार ठगा जाता है. अगर किसान इन्हीं समस्याओं में पड़ा रहा तो खेती -किसानी के लिए समय नहीं मिल पाएगा. इसी कारण किसान अपनी पीड़ा बिना किसी को बताए अपना कार्य निःस्वार्थ भाव से करता है.अगर शासकीय विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी अपना कार्य जिम्मेदारी, ईमानदारी और निःस्वार्थ भाव से करे तो प्रदेश में किसी को कोई समस्या नहीं रहेगी.
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