सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग संपत्ति के मूल्यांकन से होने वाले नुकसान को लेकर गंभीर हो गया है. इस संबंध में तमाम जिला पंजीयकों को पत्र लिखकर संपत्ति के न्यून मूल्यांकन के फलस्वरूप होने वाले राजस्व हानि रोकने के साथ प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समयावधि में करने का निर्देश दिया गया है. इसे भी पढ़ें : बड़ी खबर : कोयला घोटाले में आरोपी इंद्रमणि ग्रुप के सुनील अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत…
वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग द्वारा तमाम जिला पंजीयकों को जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि निर्धारित गाइडलाइन कीमतों से कम कीमत पर संपत्ति का मूल्यांकन नहीं किया जाए. यदि किसी प्रकरण विशेष में ऐसा प्रतीत होता है कि संपत्ति की कीमत गाइडलाइन दर से भी कम हो सकता है, तो नियमों के तहत साक्ष्यों के साथ प्रस्ताव भेजकर अनुमोदन के उपरांत आगे की कार्रवाई करने कहा गया है.
यही नहीं नई आवासीय, व्यावसायिक या औद्योगिक परियोजना का मूल्य निर्धारण करते समय छत्तीसगढ़ बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों को आधार बनाते हुए नियमों के अनुसार कार्रवाई करने निर्देशित किया गया है. साथ ही ताकीद किया गया है कि यादृच्छिक आधार पर दर अवधारित नहीं किए जाए.
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पत्र में कलेक्टर ऑफ स्टाम्प के समक्ष दर्ज प्रकरणों का निराकरण एक माह के भीतर सुनिश्चित करने कहा गया है. वहीं ऐसे प्रकरण में जहां जांच आवश्यक हो, कारण बताते हुए अधिकतम तीन माह के भीतर निराकरण करने कहा गया है.
यही नहीं जिला पंजीयकों के द्वारा निराकृत प्रकरणों की सूची 15 दिवस में एक बार, महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक छत्तीसगढ़ को निर्धारित प्रारूप में अनिवार्य रूप से भेजने के लिए निर्देशित किया गया है. इन निर्देशों का उल्लंघन पाए जाने पर गंभीर कदाचार मानते हुए कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
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