Capital Gains Tax: केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कई तरह के टैक्स में बदलाव किया है, जिसमें टैक्स व्यवस्था और टैक्स स्लैब दरों में बदलाव प्रमुख हैं. इसके साथ ही लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट्स को हटा दिया गया है. अब संभावना जताई जा रही थी कि सरकार लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नियमों में बढ़ोतरी करने जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने कैपिटल गेन पर टैक्स बढ़ाने से इनकार किया है.
आयकर विभाग ने एक ट्वीट के जरिये कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि पूंजीगत लाभ कर में वृद्धि को लेकर सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. LTCG में टैक्स बढ़ाने की कोई योजना नहीं है.
हालांकि, 1 अप्रैल से सरकार ने लॉन्ग टर्म के तहत मिलने वाले टैक्स बेनिफिट को हटाकर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कैटेगरी में शामिल कर लिया है. इसके साथ ही हाल ही में सरकार ने एसटीटी (सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स) भी बढ़ा दिया है.
यह स्पष्टीकरण आयकर विभाग द्वारा जारी किया गया था जब कई सूत्रों ने ब्लूमबर्ग को बताया था कि भारत अपने प्रत्यक्ष कर कानूनों में आमूल-चूल परिवर्तन पर विचार कर रहा है. ताकि नियमों की जटिलता को सरल बनाया जा सके.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि ज्यादा इनकम टैक्सपेयर्स के लिए कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाने की योजना है. बता दें कि ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी तक टैक्स लगता है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नए प्रत्यक्ष कर कोड के साथ, सरकार चीन से अपना परिचालन स्थानांतरित करने की इच्छुक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए सरल कानून लाने के उद्देश्य से जटिल कर प्रणाली को बदलना चाह रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र ने माना है कि कैपिटल गेन टैक्स में सुधार की जरूरत है. हालांकि, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने फिलहाल ऐसे किसी भी बदलाव पर चर्चा से इनकार किया है.