चंडीगढ़। गुरुवार को पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कर दिया था कि वे बीजेपी ज्वाइन नहीं करेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात कृषि कानूनों को लेकर थी और NSA अजीत डोभाल से उन्होंने पंजाब की सुरक्षा को लेकर बातचीत की थी. उन्होंने कहा था कि वे बीजेपी तो ज्वाइन नहीं ही करेंगे, लेकिन कांग्रेस में भी नहीं रहेंगे. ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वे नई पार्टी बना सकते हैं.
नया संगठन बना सकते हैं कैप्टन
सूत्र इस ओर इशारा कर रहे हैं कि अमरिंदर सिंह जल्द ही नॉन पॉलिटिकल पार्टी बना सकते हैं. कई कांग्रेस नेता भी उनके संपर्क में हैं. कैप्टन अपने समर्थकों से भी सलाह ले रहे हैं. वे किसान नोताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं.
Punjab Political Crisis : दिल्ली जाएंगे CM चरणजीत चन्नी, सोनिया-राहुल से होगी मुलाकात
ये भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह कल यानी गांधी जयंती के दिन मास्टरस्ट्रोक खेल सकते हैं और अपनी नई पार्टी का एलान कर सकते हैं. सूत्रों की मानें तो यह संगठन दिल्ली बॉर्डर पर एक साल से चल रहे किसान आंदोलन को खत्म करवा देगा.
कैप्टन ने दिया था बड़ा बयान
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और कैप्टन 2022 में जोरदार तरीके से वापसी करने वाले हैं. उनके सलाहकार नरिंदर भांबरी ‘कैप्टन फॉर 2022’ का पोस्टर शेयर कर इसके संकेत दे चुके हैं. 18 सितंबर को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाए जाने के बाद कैप्टन खुद भी कह चुके हैं कि वे फौजी हैं, अपमानित होकर मैदान नहीं छोड़ेंगे, फिर चाहे सियासत ही क्यों न हो.
बड़ी खबर : सबसे ज्यादा बोली लगाकर Air India को Tata Group ने किया अपने नाम, बेस प्राइस से 3,000 करोड़ रुपए से अधिक देकर खरीदा …
कैप्टन अमरिंदर सिंह औपचारिक रूप से कांग्रेस छोड़ सकते हैं. फिलहाल कैप्टन सियासी संगठन नहीं बनाएंगे. वे ऐसा संगठन चाहते हैं, जो नॉन-पॉलिटिकल हो. यह संगठन दिल्ली किसान आंदोलन में शामिल होगा, किसान नेताओं से मिलेगा. यह संगठन किसान आंदोलन में फ्रंट फुट पर नहीं रहेगा, बल्कि केंद्र सरकार से बातचीत में अगुवाई करेगा.
Air India Disinvestment; Tata Sons Wins The Bid
इसी बातचीत में कृषि कानून वापस कराने की पूरी भूमिका तय की जाएगी. एक विकल्प यह भी है कि समर्थन मूल्य यानी MSP गारंटी कानून लाया जाए. कैप्टन ने पंजाब में जाट महासभा भी बनाई है, जिसमें कई बड़े किसान भी जुड़े हैं. यह भी कैप्टन के एक विकल्प के रूप में उभर सकता है.
पंजाब में 75% आबादी कृषि पर निर्भर
पंजाब में 75% आबादी कृषि पर निर्भर है. पंजाब की इकोनॉमी ही एग्रीकल्चर पर आधारित है. खेती होती है तो उससे न केवल बाजार चलता है, बल्कि ज्यादातर इंडस्ट्रीज भी ट्रैक्टर से लेकर खेतीबाड़ी तक का सामान बनाती हैं. 117 सीटों वाली पंजाब विधानसभा में 77 सीटों पर किसानों के वोट बैंक का डॉमिनेंस है.
Navjot Singh Sidhu to Resume Work; Deadlocks Broken on Key Postings
अभी पंजाब के हर गांव से किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं. कैप्टन के लिए किसान नेताओं का सॉफ्ट कॉर्नर जरूर है. कृषि कानून वापस हो गए या संयुक्त किसान मोर्चा की सहमति से कोई हल निकल आए, तो कैप्टन पंजाब के सबसे बड़े लीडर होंगे और पार्टी की बात पीछे छूट जाएगी.
- दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
- छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें