पटियाला। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने गढ़ पटियाला का ही पावर गेम हार गए. वे यहां अपने करीबी मेयर संजीव शर्मा बिट्‌टू की कुर्सी तक नहीं बचा सके. कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्हें पहला बहुत बड़ा झटका लगा है. पटियाला नगर निगम हाउस की मीटिंग गुरुवार को बुलाई गई थी. इसमें कैप्टन ग्रुप बहुमत साबित नहीं कर सका. कैप्टन ने इसके लिए सभी सियासी दांव-पेंच खेले, लेकिन उनकी एक नहीं चली. उनकी सांसद पत्नी परनीत कौर और बेटी जयइंदर कौर ने भी पार्षदों का समर्थन जुटाने के लिए बहुत जोर लगाया था. कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद भी वोट देने के लिए पटियाला पहुंचे थे.

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इधर कैप्टन के करीबी बिट्टू की कुर्सी जाने से पंजाब CM चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू खुश हैं. इससे पहले कैप्टन को CM की कुर्सी से हटवाने में दोनों की बड़ी भूमिका रही थी. बता दें कि 18 सितंबर को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री का पद छोड़ा था. 20 सितंबर को चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का सीएम बनाया गया, वे पहले अनुसूचित जाति से बिलॉन्ग करने वाले मुख्यमंत्री हैं. वहीं इस महीने नवंबर में कैप्टन ने कांग्रेस भी छोड़ दी और अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बनाई है.

मेयर को लेकर ऐसे मात खा गए कैप्टन अमरिंदर सिंह

पटियाला नगर निगम में 60 पार्षद हैं. इसके अलावा 3 विधायक कैप्टन अमरिंदर सिंह, मंत्री ब्रह्ममोहिंदरा और हरिंदरपाल चंदूमाजरा इसके सदस्य हैं. इस तरह 63 वोट वाले हाउस में मेयर संजीव शर्मा बिट्‌टू को दो तिहाई यानी 42 वोट चाहिए थे. उनके पक्ष में सिर्फ 25 वोट पड़े. सिर्फ पार्षदों के लिहाज से वह 31 का बहुमत भी हासिल नहीं कर सके.

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इधर मंत्री ब्रह्ममोहिंदरा ने कहा कि मेयर संजीव शर्मा बिट्‌टू के खिलाफ 36 वोट पड़े. वह विश्वास मत हासिल नहीं कर सके, इसलिए उन्हें मेयर के पद से सस्पेंड कर दिया गया है. उनकी जगह पर सीनियर डिप्टी मेयर बतौर मेयर काम करेंगे. वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पटियाला नगर निगम हाउस में मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव चाहिए था. इसमें उन्हें दो-तिहाई बहुमत चाहिए था. महापौर के पक्ष में 25 और विपक्ष में 36 वोट पड़े. इससे उनका अविश्वास प्रस्ताव फेल हो गया. अगर मेयर को हटाया गया है, तो हाईकोर्ट फैसला करेगा.