Car Lease: आजकल लोग घर, घरेलू उपकरण यहां तक कि कार लेने से पहले पूछते हैं कि किराये पर लें या खरीदें. बदलती लाइफस्टाइल और ट्रांसफरेबल जॉब्स के चलते लोग अब कारें खरीदने में परहेज कर रहे हैं. ऐसे लोगों की बढ़ती तादाद को देखते हुए ह्यूंदै, मर्सिडीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, फिएट और स्कोडा जैसे ऑटोमोबाइल कंपनियां आजकल ‘किराये’ पर अपनी कारें दे रही हैं. लेकिन बड़ा सवाल फिर वही है कि क्या किराये पर गाड़ी लेना बेहतर है या खरीदना…

क्या है लीज स्कीम

आईए सबसे पहले जानते हैं कि ये लीज स्कीम कैसे काम करती है. इस स्कीम के तहत सीधे कार निर्माता से गाड़ी ले सकेंगे. वहीं इसमें गाड़ी की रीसेल वेल्यू की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. साथ ही डाउनपेमेंट और ईएमआई चुकाने की भी टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. हालांकि इसमें व्हीकल का रजिस्ट्रेशन कानूनी तौर पर कार कंपनी के नाम ही रहता है.

वहीं, अगर हर दो-तीन साल में आपकी जॉब लोकेशन बदल जाती है, और आप किसी दूसरे शहर में शिफ्ट हो जाते हैं, और रोज ऑफिस जाने के लिये व्हीकल की जरूरत पड़ती है, तो आप लीज पर कार ले सकते हैं. लीज प्लान में आपको कार मॉडल, सबस्क्रिप्शन प्लान और माइलेज वगैरहा सलेक्ट करना होगा. इस प्लान में इंश्योरेंस कवर, रेंटल, कार स्विचिंग और मैंटेनेंस शामिल है. लीज पर कारें 12 महीने से लेकर 48 महीने के लिए मिलती हैं. जिसके लिए पहले महीने में पूरे साल का इंश्योरेंस देना पड़ता है. वहीं लीज खत्म होने के बाद आप दूसरा व्हीकल चुन सकते हैं, या फिर लीज प्लान को आगे बढ़ा सकते हैं.

कार लीज पर लेने के फायदे

  • लीज पर ली गई कार के लिए आपके मंथली पेमेंट आमतौर पर कार लोन की तुलना में कम होती हैं.
  • आपको कार खरीदने के लिए डाउन पेमेंट करने की जरूरत नहीं होती है.
  • आपको कार के मेंटेनेंस और रिपेयरिंग की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.

कार लीज पर लेने के नुकसान

  • आप कार के मालिक नहीं होंगे.
  • आपको लीज पीरियड (कॉन्ट्रेक्ट) के अंत में कार वापस करनी होगी.
  • आपको कुछ एक्स्ट्रा कॉस्ट की पेमेंट करनी पड़ सकती है, जैसे कि डैमेज फीस और रेंज लिमिटेशन.

लोन और लीज में क्या है अंतर

जब आप लीज पर कार लेते हैं तो आपको हर महीने एक फिक्स चार्ज देना होता है, जबकि लोन की किश्तें बैंक इंट्रेस्ट रेट के हिसाब से घटती बढ़ती रहती हैं. लीज की सब्स्क्रिप्शन फीस के अलावा आपको कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है. इंश्योरेंस-मेंटेनेंस जैसी चीजें फिक्स सब्स्क्रिप्शन में शामिल होती हिन्. वहीं लोन पर ली हुई कार के लिए ये सारे खर्चे आपको अलग से उठाने पड़ते हैं. लीज पर ली हुई कार पर आपको टैक्स बेनिफिट भी मिलता है. 5 साल तक आपकी गाड़ी की सर्विसिंग भी फ्री रहती है. वहीं लोन पर ली हुई कार के मामले में ऐसा नहीं है.

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