Car Safety : कार खरीदारी किसी हुनर से कम नहीं है. हाल ही में एक सर्वे में पाया गया था कि कार खरीदते समय ज्यादातर भारतीय ग्राहक केवल लुक और डिजाइन पर फोकस करते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं है समय बदल रहा है और साथ ही तकनीकी में भी बड़ा बदलाव हो रहा है. अब कार के डिजाइन के साथ साथ उसमें दिए जाने वाले सेफ्टी फीचर्स पर भी ध्यान देना बेहद जरूरी हो गया है. क्योंकि ये सेफ्टी फीचर्स किसी भी आपात स्थिति में वाहन में बैठे यात्रियों की जान बचाते हैं. यदि आप भी नई कार खरीदने जा रहे हैं तो इन फीचर्स पर जरूर गौर फरमाएं, तो आइये जानते हैं उन फीचर्स के बारे में.

एयरबैग (Airbag)

यह सबसे महत्वपूर्ण सेफ्टी फीचर (Car Safety) है जो एक कार में होनी चाहिए. हादसे के दौरान एयरबैग ड्राइवर या यात्री के ऊपरी शरीर या सिर को वाहन के अंदरूनी हिस्से से टकराने की संभावना को कम करते हैं. हालांकि कार में कम से कम दो फ्रंट एयरबैग होने चाहिए. लेकिन कम से कम 6 एयरबैग (साइड और कर्टेन सहित) वाले मॉडल को खरीदने की सिफारिश की जाती है. यह भी ध्यान देना चाहिए कि एयरबैग को सीटबेल्ट के साथ काम करने के लिए डिजाइन किया गया हो.

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS)

ABS ब्रेकिंग के दौरान पहियों को लॉक होने से रोकता है, जिससे कार को कंट्रोल करना आसान हो जाता है. बिना एबीएस वाली कारें ब्रेक लगाने पर अक्सर सड़क पर फिसलती हैं. ABS से लैस कारें ब्रेकिंग के दौरान सड़क पर फिसलती नहीं हैं.

इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC)

ESC कार को अनियंत्रित होने से रोकता है. यह विशेष रूप से गीले या बर्फीले सड़कों पर कार चलाते समय महत्वपूर्ण है. ESC कार के पहियों की गति, दिशा और सेंसरों से लिए डाटा के साथ सिंक होकर काम करता है और कार को अनियंत्रित होने रोकता है.

टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS)

बेहतर कंट्रोल और ईंधन की बचत के लिए आजकल की गाड़ियों में टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS) को लगाया जाता है. यह कार के हर पहिये पर लगा होता है जो कि एक सेंसर के जरिए डैशबोर्ड तक सूचनाओं को भेजता है.

ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन

ब्लाइंड स्पॉट सड़क के वे हिस्से हैं जो विभिन्न कारणों से चालक द्वारा नहीं देखे जा सकते हैं. ये स्पॉट कभी-कभी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं और इस तरह उनकी निगरानी की जरूरत होती है. एक ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन सिस्टम सेंसर का इस्तेमाल करके ड्राइवर को ऐसी कोई भी जानकारी भेजता है, जिससे वाहन और उसके रहने वालों की सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलती है.