बालकृष्ण, गौरेला। अगर आप निजी नर्सिंग होम में अपना या फिर अपने परिजनों का इलाज कराते हैं तो यह खबर आप के लिए है। कहीं आप की असावधानी आप के और आपके परिवार को मौत के मुहाने तक न पहुंचा दे। निजि नर्सिंग होम की लापरवाही की वजह से एक पूरा परिवार एचआईवी एड्स की चपेट में आ गया है।
मामला बिलासपुर जिले के गौरेला का है यहां रहने वाला एक परिवार अब डाक्टरों से अपनी जिंदगी के बचे दिनों को पूछ रहा है। क्योकि उसका पूरा परिवार अब एचआईवी से संक्रमित हो चुका है। इसका खुलासा तब हुआ जब महिला तीसरी बार गर्भवती हुई और मितानिन के सलाह पर उसने गौरेला के सेनोटोरियम अस्पताल में गर्भावस्था की जांच कराई। डाक्टरों ने उसकी सभी प्रकार की जांच की लेकिन जांच में महिला एचआईवी पॉजीटिव निकली। डाक्टरों ने इसकी जानकारी महिला और उसके पति को दी तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उसके बाद महिला के पति की भी जांच की गई जिसमें वो भी एचआईवी पॉजीटिव पाया गया।
डॉक्टरों ने महिला और उसके पति से जब इस संबंध में विस्तार से बात की तो इस डरावने सच का खुलासा हुआ। पीड़ित महिला को चार साल पहले दूसरे बच्चे की डिलीवरी के लिए एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। डिलीवरी के दौरान डाक्टरों ने उसके शरीर में खून की कमी बताई। नर्सिंग होम संचालक ने एक निजी पैथालॉजी लैब में महिला के रिश्तेदारों को ब्लड ग्रुप चेक करवाने के लिए भेजा। लेकिन किसी का भी बल्ड ग्रुप महिला से मैच नहीं हुआ तो लैब संचालक ने अपने पास ग्रुप का खून मौजूद होने की जानकारी देते हुए उन्हें वही खून चढ़वाने की सलाह दी। जिसके बाद महिला को लैब में मौजूद अज्ञात शख्स का खून चढ़ा दिया गया।
कुछ दिनों तक सब सामान्य चलता रहा उसके बाद महिला को शारीरिक कमजोरी आने लगी। उसे बार-बार सर्दी खांसी होने लगी। परिवार वाले इसे सामान्य बीमारी ही समझते रहे। और समय बीतने के बाद जब महिला तीसरी बार गर्भवती हुई तो इसका खुलासा हुआ। इस मामले में अधिकारी जांच करने और कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
अब यह परिवार सदमें में जी रहा है और जानना चाह रहा है कि आखिर उसका क्या कसूर था, और उनकी जिंदगी के कितने दिन अभी बाकी है।
दुर्ग में भी आ चुका है मामला
ऐसा ही मामला दुर्ग जिले में भी आ चुका है जहां निजी नर्सिंग होम में डिलीवरी या फिर किसी वजह से भर्ती हुई तकरीबन 70 महिलाएं दूषित खून चढ़ाए जाने से एचआईवी संक्रमित हो गई थी। इस खुलासा के बाद स्वास्थ्य महकमे में जमकर हड़कंप मच गया था। कार्रवाई की भी बात कही गई थी लेकिन किसी भी नर्सिंग होम के खिलाफ कोई कार्रवाई आज तक नहीं की गई।