Corona Caccine. कोरोना काल में देश की मोदी सरकार ने संक्रमण से लड़ने के लिए लोगों से ताली और थाली बजवाई थी और घर के बाहर दीए भी जलवाए. इसके बाद संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को वैक्सिन लगवाई गई. वैक्सीनेशन के बाद हार्ट अटैक की घटनाएं बढ़ने लगी. लोग चलते-फिरते, खाते-पीते और नाचते-गाते मरने लगे. तभी से कोराेना वैक्सिन को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे. इस दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी वैक्सिन को लेकर आशंका जताई थी. उन्होंने कहा था कि मुझे भाजपा पर भरोसा नहीं है और मैं वैक्सिन नहीं लगवाऊंगा.
वैक्सीन को लेकर अब ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. बता दें कि एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई है. ब्रिटिश मीडिया टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उनकी वैक्सीन से कई लोगों की मौत हो गई. वहीं कई अन्य को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा. कंपनी के खिलाफ हाईकोर्ट में 51 केस चल रहे हैं. पीड़ितों ने एस्ट्राजेनेका से करीब 1 हजार करोड़ का हर्जाना मांगा है. ब्रिटिश हाईकोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों में कंपनी ने माना है कि उसकी कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है. इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है.
मोदी सरकार ने जबरदस्ती लगवाई वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड पर हुए नए खुलासे से भारत में भी राजनीति गरमा गई है. देश में सबसे ज्यादा कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड ही लगाई गई थी. ऐसे में अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल ने मोदी सरकार को घेरते हुए कई सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. डिंपल ने कहा कि जब राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वैक्सीन लगवाने से इंकार कर दिया था तो भाजपा के लोगों ने कई स्टोरी प्लांट कराई थी. यहां तक कहा था कि यह देश हित में नहीं है. जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उस समय भी साफ कहा था कि अभी तक कोरोना वैक्सीन को क्लीयरेंस नहीं मिली है. इसके साइड इफेक्ट के बारे में कुछ नहीं बताया गया है. उस समय जो आशंका उन्होंने जताई थी आज सच साबित हुई है.
डिंपल यादव ने कहा आशंका हुई सच
डिंपल यादव ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि लोगों को हार्ट अटैक आ रहे हैं. हर उम्र के लोग चलते-चलते, नाचते गाते मौत के मुंह में समा जा रहे हैं. लोग गंभीर बीमारियों से अचानक ग्रसित हो जा रहे हैं. डिंपल ने कहा कि जल्दबाजी के चक्कर में कोविशिल्ड वैक्सीन बनाने वालों से चंदा लिया गया और लोगों को जबरदस्ती वैक्सीन लगाई गई. नौकरी करने वालों से कहा गया कि वैक्सीन लगवानी ही होगी. जो भी वैक्सीन नहीं लगवा रहा था उसे दफ्तरों में प्रतिबंधित कर दिया जा रहा था. पूरे विश्व में कहीं इस तरह से जबरदस्ती वैक्सीन नहीं लगाई गई. दूसरे देशों में अगर किसी का मन है तो लगाई गई, मन नहीं है तो नहीं लगाई गई. देश की सरकार ने जबरदस्ती लोगों को वैक्सीन लगवाई. डॉक्टरों को जबरदस्ती वैक्सीन लगवाई गई. यह एक तरह का भ्रष्टाचार है जो आज उजागर हुआ है. इस भ्रष्टाचार की वजह से लोगों की जानें जा रही हैं.
कंपनी ने माना घातक है वैक्सीन
बता दें कि सोमवार को ही ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट भी हैं. भारत में भी कोविशील्ड नाम से इस कंपनी की कोविड वैक्सीन लगाई गई है. यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफर्ड के साथ मिलकर एस्ट्राजेनेका ने यह वैक्सीन तैयार की थी. ब्लड क्लॉटिंग समेत कई अन्य दिक्कतों को लेकर एस्ट्राजेनेका कोर्ट केसा का सामना कर रही है. कई याचिकाओं में कहा गया है कि इस वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट हुए हैं.
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