नई दिल्ली। फर्जी पुलिस बनकर 19 वर्षीय लड़के का अपहरण करने के आरोप में 3 लोगों एक बढ़ई, एक दर्जी और एक कैब चालक को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के लोनी निवासी साजिद उर्फ फिरोज (27), दिल्ली निवासी वकील उर्फ वसीम (27) और तैयब्बार अली (49) के रूप में हुई है.

 

फिरौती के लिए आया था कॉल

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ईशा पांडे ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि 18 फरवरी को जैतपुर पुलिस स्टेशन में एक लड़के के अपहरण और फिरौती की मांग के संबंध में एक कॉल आई थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसके भतीजे का कुछ अज्ञात लोगों ने अपहरण कर लिया था, जिन्होंने फिरौती के रूप में 2 लाख रुपए की मांग की थी और उसे पुलिस को सूचित नहीं करने की धमकी दी थी. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 364, 506 और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की और पीड़ित लड़के की तलाश शुरू की.

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फर्जी पुलिस बनकर वारदात को दिया था अंजाम

जांच के दौरान अपहरणकर्ताओं ने पीड़ित की मौसी से दोबारा संपर्क किया और फिरौती की रकम लेकर लोहिया पुल आने को कहा. पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक पुलिस दल का गठन किया गया, जिसने लोहिया पुल के पास जाल बिछाया था. पीड़ित को एक अपहरणकर्ता द्वारा लोहिया पुल लाया गया, जिसे पुलिस ने पकड़ लिया. पुलिस टीम को देखकर बाकी आरोपी मौके से फरार हो गए.
हालांकि बाद में पकड़े गए अपहरणकर्ता के कहने पर अन्य दो आरोपियों को भी उनके आवास से पकड़ लिया गया. पुलिस ने उनके पास से फिरौती की रकम और फर्जी पुलिस आईडी कार्ड बरामद किया है.

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पुलिस ने कहा कि लगातार पूछताछ करने पर सभी अपहरणकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने पीड़ित का अपहरण करने की योजना बनाई थी. उन्होंने उसके घर से सौरभ विहार की एक मस्जिद तक उसका पीछा किया. जब पीड़ित बाहर आया, तो तीनों आरोपियों ने उसे रोका और नकली पुलिस आईडी कार्ड दिखाकर खुद को पुलिस अधिकारी के रूप में पेश किया. उन्होंने उसे बताया कि उन्हें उसके खिलाफ एक शिकायत मिली है. उसे उनके साथ जनकपुरी पुलिस स्टेशन आना पड़ेगा. फिर वे उसे जबरदस्ती अपनी मोटरसाइकिल पर ले गए.
आरोपी साजिद कारपेंटर का काम करता था, वकील कैब ड्राइवर का काम करता था और तैयब्बर अली दर्जी का काम करता था.