आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. बस्तर में यात्री वाहन चालकों के हौसले बुलंद हैं. यही वजह है कि शहर में खुलेआम ट्रैफिक व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही है. जगदलपुर शहर से ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाली यात्री टैक्सियों में यात्रियों को भेड़-बकरियों की तरह भरकर ले जाया जाता है, जिसके कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
जगदलपुर से चित्रकोट मार्ग व जगदलपुर से तोकापाल-दरभा इलाकों में चलने वाली टैक्सियों में अक्सर ऐसी स्थिति देखी जा सकती हैं, जहां यात्रियों को भेड़ बकरियों की तरह 2 सीट में 4 लोगों को और 4 सीट में उससे डबल यात्रियों को बैठाया जाता है. इसके बाद भी वाहन चालक द्वारा अपनी जेबें भरने के लिए अन्य यात्रियों को फुट रेस्ट में खड़ा किया जाता है और यात्रियों की जान को जोखिम में डाला जाता है.
सूत्रों से यह भी जानकारी निकलकर सामने आई है कि यातायात पुलिस के जवान नेशनल हाईवे में खड़े रहते हैं और शहर की ओर आने वाली गाड़ियों में कुछ रुपयों के बदले कागज का टोकन देते हैं. या यूं कहें कि इन वाहन चालकों को अपनी गाड़ियों में यात्रियों के जान को जोखिम में डालने का लाइसेंस दिया जाता है. यही वजह है कि बेधड़क दिन के उजाले में पुलिस जवानों के सामने वाहन चालक ट्रैफिक व्यवस्था की खुलेआम धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं और पुलिस के जवान देखकर भी अनदेखा कर देते है. वही छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सीमावर्ती इलाके में ओवरलोड की वजह से पिकअप वाहन पलट गई थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी.
यात्री टैक्सियों के संचालकों का हौसला बुलंद
एक तरफ छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा लगातार ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने का दावा किया जाता है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके, ट्रैफिक विभाग के तरह से जागरूकता अभियान भी चलाई जाती है. वहीं दूसरी तरफ बस्तर में खुलेआम नियमों को ताक में रखकर वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही है, लेकिन जिम्मेदारों की कुम्भकर्णीय नींद इस मामले को लेकर अब तक नहीं खुली है. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं ना कहीं वाहन चालकों और यातायात पुलिस का तार अंदरूनी तौर पर जुड़ा है, जिसकी वजह से शहर में चलने वाले यात्री टैक्सियों के संचालकों का हौसला बुलंद है.
सड़क हादसे में 5 युवकों की हुई थी मौत
बीते दिनों जगदलपुर के मेटावाडा में 5 युवकों की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई थी, जिससे पूरे बस्तरवासियों का दिल दहल चुका था. इस हादसे के बाद पुलिस शहर में कड़ाई से नियमों का पालन करवाने में जुट गई, कईयों पर चलानी कार्रवाई भी की, लेकिन सिस्टम में कोई सुधार नहीं आया. एक बार फिर से जगदलपुर शहर के भीतर ऐसी तस्वीर निकल कर सामने आई है, जो खुलेआम सड़क हादसे को निमंत्रण दे रही है.
मामले की जांच की जाएगी : यातायात प्रभारी
इधर यातायात प्रभारी शिवशंकर गेंदले ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और कार्यवाही की जाएगी. वहीं टैक्सियों पर टोकन लगाने के सवाल पर यातायात प्रभारी शिवशंकर गेंदले ने इस बात से साफ इंकार किया है, लेकिन शहर के भीतर खुलेआम ट्रैफिक व्यवस्था के नियमों का उल्लंघन किया जाना संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर रहा है.
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