CAS Verdict: पेरिस ओलंपिक्स 2024 के दौरान कई विवाद सामने आए हैं, जिनमें से एक प्रमुख मामला भारतीय पहलवान विनेश फोगाट का है। विनेश को 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया था, और उनका केस अभी भी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में लंबित है। विनेश अब भी फैसले का इंतजार कर रही हैं।
पेरिस ओलंपिक्स में इसी तरह की एक और घटना रोमानिया की महिला जिम्नास्ट एना बारबोसु के साथ भी हुई थी। एना बारबोसु को शुरुआत में ब्रॉन्ज मेडल विजेता घोषित किया गया था, जबकि अमेरिकी जिम्नास्ट जॉर्डन चाइल्स पांचवें स्थान पर थीं। हालांकि, चाइल्स के कोच ने उनके स्कोर की तुरंत जांच की मांग की, जिसके बाद उनका स्कोर 0.1 से बढ़ा दिया गया, और वह ब्रॉन्ज मेडल की पोजीशन पर आ गईं।
रोमानिया की ओलंपिक समिति ने इस फैसले से असहमति जताई और CAS में अपील कर दी। रोमानिया जिम्नास्टिक्स फेडरेशन ने CAS से चाइल्स के स्कोर की दोबारा जांच की मांग की, और पाया गया कि चाइल्स की कोच सेसिल लैंडी ने अपील समय सीमा से 4 सेकेंड बाद की थी। इस वजह से चाइल्स का स्कोर काट लिया गया, और एना बारबोसु को फिर से ब्रॉन्ज मेडल विजेता घोषित कर दिया गया। अब एना बारबोसु को ब्रॉन्ज मेडल दे दिया गया है, जबकि जॉर्डन चाइल्स से मेडल वापस ले लिया गया है।
वहीं, CAS में विनेश फोगाट का भी केस चल रहा है। भारतीय रेसलर की ओर से तर्क दिया गया है कि उन्हें सिल्वर मेडल दिया जाए। हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई अंतिम निर्णय नहीं आया है। विनेश 13 अगस्त को आने वाले CAS के फैसले का इंतजार कर रही हैं। अगर विनेश को यह मेडल मिल जाता है तो वह इस ओलंपिक में भारत का दूसरा सिल्वर और ओवरआल 7वां मेडल होगा।
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