सोनभद्र: भाजपा विधायक रामदुलार गोंड पर लगे किशोरी से दुष्कर्म के आरोपों पर मंगलवार को भी फैसला नहीं आ सका। एडीजे प्रथम खलीकुज्जमा ने मामले में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सुनवाई के लिए 20 नवंबर की अगली तारीख निर्धारित की है। इस तारीख पर फिर से बहस के बाद कोई निर्णय हो पाएगा। फैसला टलने के बाद विधायक खेमे ने राहत महसूस की है। उधर, पीड़ित पक्ष ने जानबूझकर फैसले का विलंबित कराए जाने का विधायक पर आरोप लगाया है।
कोर्ट बदलने की अपील
बता दें कि एडीजे प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत में सुनवाई पूरी होने के बाद 12 अक्तूबर को ही फैसला सुनाया जाना था। ऐन वक्त पर विधायक की ओर से जिजा जज के समक्ष प्रार्थना पत्र देकर न्याय न मिलने की आशंका जताते हुए कोर्ट बदलने की अपील की गई थी। प्रार्थना पत्र लंबित होने के कारण कोर्ट ने फैसले को 17 अक्तूबर तक के लिए टाल दिया था। जिला जज ने विधायक की अपील को इस तर्क के साथ खारिज कर दिया था कि जिले में एमपी-एमएलए से जुड़े मामलों की सुनवाई का अधिकार सिर्फ एक ही काेर्ट को मिला है, लिहाजा दूसरे कोर्ट में मुकदमे को नहीं ट्रांसफर किया जा सकता।
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अब 20 नवंबर को सुनवाई
वहीं, मंगलवार को फिर से फैसले के लिए फाइल प्रस्तुत की गई। संभावना जताई जा रही थी कि दोपहर बाद मामले में महत्वपूर्ण निर्णय आ सकता है। सुनवाई के लिए दोपहर बाद करीब ढाई बजे विधायक भी न्यायालय परिसर स्थित अपने अधिवक्ता के कक्ष में पहुंच गए थे। वहां से करीब साढ़े तीन बजे विधायक बाहर आए और न्यायालय की ओर बढ़े। आधे रास्ते तक पहुंचने के बाद वापस लौट गए। फिर साढ़े चार बजे दोबारा न्यायालय पहुंचे और दस्तखत बनाकर बाहर निकल गए। अभियोजन के मुताबिक मामले में अब 20 नवंबर को सुनवाई होगी।