कुमार इंदर, जबलपुर। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर डाले गए विवादित कंटेंट हटाने को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं। उनके एक शिष्य ने पूर्व विधायक के बयान और कंटेंट को आधार बनाकर कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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कोर्ट ने बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर विवादित टिप्पणी के मामले में यूट्यूब, फेसबुक और X को नोटिस जारी किया है। इसमें मध्यप्रदेश सरकार के गृह मंत्रालय को भी पार्टी बनाया गया है। कोर्ट ने सभी पक्षों से अगले दो सप्ताह में जवाब मांगा है। निर्देश दिए हैं कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जुड़े विवादित वीडियो हटाए जाएं। दोबारा ऐसी गलती न हो।
हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए आचार्य धीरेंद्र शास्त्री की छवि धूमिल करने वाली खबरें को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से हटाने के आदेश दिये हैं। एकलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता रणजीत पटेल की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि वह बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के अनुयायी हैं। उनके खिलाफ फेसबुक, ट्विटर सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उनकी छवि खराब करने आपत्तिजनक खबरे प्रकाशित की जा रही हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पंकज दुबे ने सुनवाई के दौरान स्कन्द पुराण, गुरु गीता तथा तैत्रीय उपनिषद के भाग का उल्लेख करते हुए इसे आपत्तिजनक बताया। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि व्यक्ति की छवि धूमिल करने वाली आपत्तिजनक खबरों की सत्यता जांचने के बाद उसे प्रकाशित करना चाहिए। फेसबुक, ट्विटर सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ आपत्तिजनक खबर हटाने के निर्देश दिये हैं।
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