सत्यपाल राजपूत, रायपुर। मनमानी ट्यूशन फीस वसूली को लेकर लगी याचिका हाईकोर्ट में स्वीकृत हो गई है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और निजी स्कूलों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने जवाब देने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया है. पालक प्रीति उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश को गलत तरीके से परिभाषित कर निजी स्कूलों द्वारा पालकों से मनमाने ट्यूशन फीस वसूला जा रहा है. पालकों ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग से की थी, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिली.

जानकारी के मुताबिक, बिलासपुर उच्च न्यायालय ने निजी स्कूल फीस को लेकर राजधानी रायपुर की पालक प्रीति उपाध्याय द्वारा दायर याचिका को स्वीकृति प्रदान की है. इसके साथ ही राज्य सरकार व निजी स्कूलों को नोटिस जारी करने आदेशित किया गया है. कोर्ट ने जवाब देने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया है.

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प्रीति उपाध्याय के वकील पलाश तिवारी ने बताया कि न्यायालय ने यह भी सुनिश्चित किया है कि याचिका की सुनवाई चलते रहने के दौरान स्कूल छात्र को शिक्षा से वंचित नहीं कर सकता. उच्च न्यायालय के वकील पलाश तिवारी ने यह भी बताया कि उनके माध्यम से याचिककर्ता ने कोविड महामारी के दौरान निजी स्कूल द्वारा 100 फीसदी फीस वसूलने को तो चैलेंज किया ही है, साथ ही यह महत्वपूर्ण मांग न्यायालय से की है कि राज्य सरकार को एक कमेटी बनाने के लिए आदेशित किया जाए, जो कि निजी स्कूलों द्वारा ली जा रही बेलगाम फ़ीस पर मॉनिटरिंग करे और उस पर लगाम लगाएं.