Infosys: कर्नाटक पुलिस (karnataka police) ने बेंगलुरु में इंफोसिस (INFOSYS) के को-फाउंडर सेनापति क्रिस गोपालकृष्णन (Kris Gopalakrishnan) और आईआईएससी के पूर्व निदेशक बलराम और 16 अन्य के खिलाफ SC/ST अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। सभी के खिलाफ भारतीय विज्ञान संस्थान के फैकल्टी मेंबर के साथ हनी ट्रैप के झूठे मामले में फंसाने के मामले यह कार्रवाई हुई है। यह मामला 71वें सिटी सिविल एंड सेशन कोर्ट (सीसीएच) के निर्देश के आधार पर सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था।
बेंगलुरु में पुलिस ने सोमवार, 27 जनवरी को बताया कि इंफोसिस के सह-संस्थापक सेनापति क्रिस गोपालकृष्णन के साथ भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) के पूर्व निदेशक बलराम और 16 अन्य लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (SC/ST Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह मामला दुर्गाप्पा की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है। उसने आरोप लगाया था कि उसे हनी ट्रैप मामले में झूठा फंसाया गया था और बाद में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। इसमें क्रिस गोपालकृष्णन न्यासी बोर्ड के सदस्य के रूप में कार्य करते हैं। शिकायतकर्ता, दुर्गाप्पा आदिवासी बोवी समुदाय से हैं।
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2007 से 2011 तक इंफोसिस के डायरेक्टर थे
इंफोसिस की स्थापना पुणे में की गई थी। फिलहाल इसका मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है। गोपालकृष्णन ने 2007 से 2011 तक इंफोसिस के सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया। क्रिस गोपालकृष्णन 2011 से 2014 तक इस कंपनी के उपाध्यक्ष और 2007 से 2011 तक चीफ एक्जिक्यूटिव ऑफिसर और मैनेजिंग डायरेक्टर रहे थे। जनवरी 2011 में भारत सरकार ने गोपालकृष्णन को देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था। क्रिस गोपालकृष्णन ने IIT मद्रास से फिजिक्स और कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री ली है। इसके अलावा गोपालकृष्णन इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियर्स (INAE) के फेलो हैं।
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