कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की विधायकी खतरे में हैं! दरअसल, हाईकोर्ट ने माना है कि आरिफ ने सफेद झूठ बोला था। निर्वाचन अधिकारी के साथ कोर्ट को भी गुमराह किया था। मसूद ने जानबूझकर निर्वाचन पत्र में बैंक के कर्ज लेने की जानकारी छुपाई थी। बैंक पर भी बयान बदलने के लिए दबाव बनाया था।

दरअसल, बीजेपी प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह ने आरिफ मसूद का चुनाव खारिज करने की मांग की थी। ध्रुव नारायण की याचिका पर हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। इसी के साथ HC ने आरिफ मसूद की याचिका को खारिज कर दिया है। इस मामले में सीनियर एडवोकेट अजय मिश्रा और एडवोकेट पंखुरी विश्वकर्मा ने पैरवी की।

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आपको बता दें कि आरिफ मसूद भोपाल की मध्य विधानसभा से कांग्रेस विधायक हैं। उन्होंने खुद को बैंक लोन फ्रॉड का शिकार बताया था। मसूद ने अपने नाम पर 34 लाख 10 हजार का लोन लिया था। पत्नी रुबीना मसूद के नाम पर 21 लाख 28 हजार का ऋण लिया था। आरिफ पर कुल 65 लाख 38 हजार के लोकन की जानकारी छिपाने का आरोप है।

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गौरतलब है कि भोपाल मध्य से बीजेपी प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार आरिफ मसूद के निर्वाचन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि आरिफ मसूद ने खुद और पत्नी के नाम लिये गये बैंक लोन का उल्लेख अपने नामांकन पत्र में नहीं किया था। उन्होंने नामांकन पत्र में उक्त जानकारी जानबूझकर छुपाई थी।

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