शब्बीर अहमद, भोपाल। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले हफ्ते तीन दिन में 10 हाथियों की मौत के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक साथ तीन दिन में ही एक-एक करके 10 गजराज मौत हो गई। वहीं इस बीच राज्य फॉरेंसिक लैब सागर की भी रिपोर्ट सामने आ गई है। फॉरेंसिक लैब सागर की रिपोर्ट में हाथियों की मौत में कीटनाशकों की पुष्टि नहीं हुई है। 

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हाथियों के विसरा नमूनों की विषाक्तता रिपोर्ट में किसी भी भारी धातु और कीटनाशक नकारात्मक पाये गये हैं। स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एण्ड हेल्थ ने भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है, जो हर्पीज वायरस के लिये नकारात्मक है और हाथियों की मौत की वजह विषाक्तता बताई है। केन्द्र और राज्य सरकार की तीन प्रयोगशाला की रिपोर्ट अब तक सामने आ चुकी है। 

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रिपोर्ट के निष्कर्ष के आधार पर हाथियों की मौत का कारण अधिक मात्रा में फंगस लगी कोदो फसल को खाना बताया गया है। गौरतलब है कि 5 नवम्बर को केन्द्र सरकार के आयवीआरआई बरेली उत्तर प्रदेश की रिपोर्ट के अनुसार मृत हाथियों के विसरा सैम्पल में साइक्लोपियाज़ोनिक एसिड पाया गया था। उमरिया जिले के बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में खितौली और पतौर रेंज में हाथियों की मौत की घटना 29 और 30 अक्टूबर को हुई थी।

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