गोरखपुर. जिले से परिवहन विभाग में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार, बिना सेल पेपर के कोतवाली इलाके के एक शख्स की कार को दूसरे व्यक्ति ने अपने नाम ट्रांसफर करा लिया. बताया जा रहा है कि जालसाजों ने आरटीओ के कर्मचारियों की मिलीभगत से ऐसा किया है.
वहीं, एसएसपी के आदेश पर शाहपुर पुलिस ने गोरखपुर के वर्तमान आरटीओ व उनके बाबू और तीन जालसाजों के खिलाफ आपराधिक साजिश, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है.
जानकारी के मुताबिक, एसएसपी को दिए प्रार्थनापत्र में कोतवाली इलाके के दीवान बाजार निवासी धनंजय अग्रवाल ने लिखा है कि अक्तूबर 2022 में एक कार कंपनी की ओर से नीलाम की गई कार खरीदी थी. कंपनी ने एनओसी कुछ दिन बाद देने को कहा था. इसी बीच फरवरी 2023 में पैसे की जरूरत होने पर कार बेचने के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन डाला.
इसके बाद विज्ञापन देखकर शाहपुर की आवास विकास कॉलोनी निवासी कुंज बिहारी, शिखर गुप्ता और आनंद ने कार खरीदने के लिए संपर्क किया और 3.60 लाख रुपये में कार खरीदने के लिए तैयार हो गए. इसके बाद एडवांस के तौर पर खाते में 10 हजार रुपये भेज दिए.
मिली जानकारी के अनुसार, अक्तूबर में आरोपियों ने बिना रुपये दिए और बिना आरटीओ दफ्तर गए कार अपने नाम ट्रांसफर करा ली. सात नवंबर को आरोपी कुंज बिहारी गुप्ता और आनंद दूबे ने कार चेक करने के लिए अपने घर बुलाया, तब उन्हें इसकी जानकारी हुई. उसके बाद आरोपियों ने कार की चाबी छीन ली. इसकी सूचना पीड़ित ने पुलिस को दी.
मौके पर पहुंची शाहपुर पुलिस तो आरोपी फरार हो गए. उसी समय पुलिस ने कार को थाने में खड़ा करा दिया. पीड़ित का आरोप है कि बिना आरटीओ कर्मचारियों की मिलीभगत से यह संभव नहीं है. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.