सुदीप उपाध्याय, बलरामपुर। जिले के सनवाल स्थित प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास में विशेष संरक्षित जनजातियों की बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया था. शिकायत के बाद मामले की जांच के लिए टीम गठित की गई थी. लेकिन अब वो टीम विवादों में आ गई है. जांच करने गए टीम पर पंडो समाज के पदाधिकारी ने गंभीर आरोप लगाए हैं.
बता दें कि सनवाल के प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास की अधीक्षिका नीलिमा खलखो के द्वारा छात्रावास के बच्चियों को प्रताड़ित और दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया था. जिस पर जिला प्रशासन ने टीम का गठन कर जांच करने की बात कही थी. वहीं जांच दल कन्या छात्रावास पहुंची और जांच भी किया. लेकिन पंडों समाज ने जांच दल पर आरोप लगाते हुए संभागीय कमिश्नर को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि लगभग 32 छात्राओं ने शिकायत की थी जबकि जांच टीम ने केवल 10 छात्राओं का ही कथन लिया. प्रताड़ना से तंग आकर पढ़ाई छोड़ने वाली छात्रा का भी बयान दर्ज नहीं किया गया. संघ ने यह भी आरोप लगाया है कि जो नए बच्चियों का छात्रावास में आगमन हुआ है, वे वहां के लिए अभी नए-नए हैं. उनका कथन भी लिया गया है जो निष्पक्षता पूर्ण और पारदर्शी पूर्ण नहीं है.वहीं पीड़ित छात्राओं के अभिभावकों को भी नहीं बुलाया गया था. इससे यह चरितार्थ होता है कि जांच में लीपापोती करने का पूरा प्रयास किया गया है.
इस मामले में पंडों समाज के प्रांतीय अध्यक्ष उदय पंडों ने जानकारी देते हुए बताया कि अधीक्षिका के द्वारा छात्राओं को प्रताड़ित करने जांच टीम को गुमराह करने का कार्य किया गया है. उनके विरुद्ध निलंबन और पद से हटाने की कार्रवाई की जानी चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो समाज प्रदर्शन के लिए बाध्य होगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी.
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