कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मप्र के सागर (Sagar) जिले के रहने वाले गुमशुदा मान सिंह पटेल के मामले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अहम सुनवाई हुई। ओबीसी महासभा (OBC Mahasabha) के द्वारा दायर की गई याचिका पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मध्यप्रदेश शासन (Madhya Pradesh government) और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) और अन्य से भी जवाब तलब किया है। आगमी 14 जुलाई को होने वाली सुनवाई में इन्हें अपना जवाब प्रस्तुत करना होगा।

दरअसल, मान सिंह पटेल की जमीन सागर जिले में थी जिस पर आरोप है कि वर्तमान में राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत उस पर काबिज है। मंत्री राजपूत के द्वारा जब जमीन पर कब्जा किया जा रहा था तब मान सिंह पटेल ने 2016 में सिटी मजिस्ट्रेट, रेवेन्यू डिपार्टमेंट और संबंधित थाने में नाम दर्ज शिकायत दर्ज कराई थी। साथ ही यह भी आशंका भी जताई थी कि उसकी जान को मंत्री गोविंद राजपूत से खतरा है। मान सिंह पटेल की शिकायत पर आईपीसी की धारा 145 में प्रकरण रजिस्टर्ड होकर काफी सुनवाई भी चली थी, लेकिन मानसिंह पटेल के लापता होने के बाद प्रकरण को बंद कर दिया गया।

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मान सिंह पटेल के बेटे सीताराम ने दिनांक 23 अगस्त 2016 को थाने में अपने पिता मान सिंह पटेल को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और अन्य द्वारा जबरन घर से ले जाने की शिकायत की थी। बाद में सिविल लाइन थाने में 26 अगस्त 2016 सीताराम की शिकायत पर मानसिंह की गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन पुलिस प्रशासन ने अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि सीताराम पटेल ने सभी जगह शिकायत दर्ज कराई। सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत करते रहे, इस दौरान मान सिंह पटेल झूठा शपथ पत्र जिसमें मंत्री गोविंद राजपूत के पीए ने आईडेंटिफाई किया और उन शपथ पत्र के माध्यम से मान सिंह पटेल के द्वारा दर्ज मुकदमा को वापस लिया गया, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय में भी 26 सितंबर 2016 को शपथ पत्र दिया गया और मुकदमे को वापस लिया गया।

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इसी दौरान मंत्री गोविंद राजपूत ने कुछ जमीन को यह कहते हुए वापस किया कि उन्हें पता नहीं की उनका नाम उस जमीन पर कैसे आ गया। बाद में संबंधित तहसीलदार ने उनका नाम रिकॉर्ड से हटा दिया, लेकिन मान सिंह के खोजने का काम पुलिस ने नहीं किया और ना ही कोई कार्रवाई हुई तो दिनांक 2 जनवरी 2023 को मान सिंह पटेल के पुत्र सीताराम ने प्रधानमंत्री को एक शिकायत पत्र भेजा। OBC महासभा का आरोप है कि इस कार्रवाई के बीच अचानक से सीताराम का परिवार गायब हो गया और स्वयं सीताराम के द्वारा मुकदमा वापस ले लिए जाते हैं यह कहते हुए कि उसका अब मंत्री जी से संबंध सामान्य हो गए हैं, लेकिन वास्तव में मान सिंह पटेल की आज तक कोई खबर नहीं है।

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इन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य धर्मेंद्र सिंह कुशवाह ने एक रिट पिटिशन (बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका) माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दायर की, जिसमें माननीय न्यायमूर्ति सूर्यकांत, माननीय न्यायमूर्ति जेके महेश्वरी की बेंच में सुनवाई हुई। ओबीसी महासभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और वरुण ठाकुर ने पैरवी की। सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता के द्वारा पैरवी की गई। बेंच द्वारा आदेश जारी कर मध्य प्रदेश सरकार से जवाब तलब करने के साथ ही राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और अन्य से भी जवाब तलब किया है। आगामी 14 जुलाई को होने वाली सुनवाई में इन्हें अपना जवाब प्रस्तुत करना होगा।

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