रायपुर- एक्सप्रेस-वे के घटिया निर्माण मामले में छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कंसल्टेंट का अनुबंध रद्द कर दिया है. बता दें कि पिछले दिनों पीडब्ल्यूडी सेक्रेटरी सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने शिकायत के बाद एक्सप्रेस-वे का जायजा लिया था. इस दौरान उन्होंने कई खामियां पाई थी. उन्होंने कंसल्टेंट पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए शो काॅज नोटिस जारी किया था. साथ ही नए सिरे से कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए थे.
पीडब्ल्यूडी सेकेट्ररी सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने लल्लूराम डॉट कॉम से हुई बातचीत में कहा कि एक्सप्रेस-वे निर्माण में गड़बड़ी को लेकर कंसल्टेंट के खिलाफ लगातार शिकायत मिल रही थी. इन शिकायतों को लेकर कंसल्टेंट को शो काज नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था. कंसल्टेंट की ओर से दिया गया जवाब संतोषप्रद नहीं पाया गया, लिहाजा अनुबंध निरस्त कर दिया गया है. साथ ही जल्द रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि भूपेश सरकार ने आईएएस अधिकारियों के हालिया फेरबदल में सिद्धार्थ कोमल परदेसी को पीडब्ल्यूडी सेक्रेटरी का जिम्मा सौंपा गया था. जिम्मेदारी संभालते ही उन्होंने एक्सप्रेस- वे का जायजा लिया था. इस दौरान वे उन खामियों से वाकिफ हुए, जिनकी वजह से पूरे प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पा रहा. एक्सप्रेस वे की कंसल्टेंसी में खामी की जानकारी उन्हें दी गई थी, जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कंसल्टेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश थे. परदेसी ने विभागीय अधिकारियों से कहा था कि एक्सप्रेस-वे में बनाए गए ब्रिज की आरई वाल की डिजाइन एनआईटी से तैयार करवाई जाए. बता दें कि आरई वाल धसक जाने की वजह से निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाया गया है.
एक्सप्रेस-वे के घटिया निर्माण को लेकर शासन ने जांच कमेटी का भी गठन किया था. जांच में कई खामियां पाई गई थी. हाल ही में जांच रिपोर्ट शासन के पास भेजी जा चुकी है. इस रिपोर्ट में जिम्मेदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई किए जाने की सिफारिश की गई थी. करीब 300 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे एक्सप्रेस वे में तेलीबांधा ब्रिज का हिस्सा 11 अगस्त 2019 को धसक गया था. इसके बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री ने मुख्य तकनीकी परीक्षक को जांच का जिम्मा सौंपा था. एनआईटी के एक्सपर्ट ने इसकी जांच की थी.