शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के स्थित सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 21 दिन पहले जंगल में छोड़ी गई 2 साल की बाघिन का संदिग्ध अवस्था में शव बरामद हुआ था। वन विभाग ने कहा था कि संघर्ष में बाघिन की जान गई है। वहीं बाघ संरक्षक और जानकार ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गोली मारकर शिकार किया गया है। बाघिन के शव में कीड़े मिले हैं। वन विभाग मौत के कारणों को छिपा रहा है। वहीं दूसरी ओर बालाघाट में स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने करंट लगाकर बाघों का शिकार करने वाले शिकारियों को पकड़ा है।
कॉलर आईडी लगाने के बाद भी ट्रेस नहीं कर पाया वन विभाग
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत के मामले में वन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। कॉलर आईडी लगाकर बाघिन को जंगल में छोड़ा गया था। इसके बावजूद इसे ट्रेस नहीं किया जा सका था। वहीं बताया जा रहा है कि इसके शव में कीड़े मिले थे। बाघ संरक्षक और जानकार अजय दुबे ने शिकायत में कहा था कि गोली मारकर शिकार किया गया है।
बालाघाट में बड़ी कार्रवाई
बाघिन की मौत के बाद स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने बालाघाट में बड़ी कार्रवाई की है। करंट लगाकर भागों का शिकार करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के बैग से छोटी-बड़ी 98 हड्डियां, दांत और नाखून जब्त किया गया है। शिकारियों ने अन्य अंगों को जमीन में गाड़ कर छुपा रखा था। मध्य प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय बाघों का शिकार करने वाला गिरोह सक्रिय है। उनके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी संपर्क हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश पूरे देश भर में टाइगर स्टेट के नाम से चर्चित है। लेकिन उनकी बढ़ती आबादी उनके लिए संकट भी पैदा कर रही है। क्योंकि शिकारियों की नजर लगातार उन पर बनी हुई है, जिससे उनके अस्तित्व को अब खतरा है। लगातार उनके शिकार के मामले सामने आ रहे हैं। बाघों के खाल, दांत और नाखूनों की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में महंगे दामों पर तस्करी की जाती है। साथ ही कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां जादू टोना और तंत्र-मंत्र के लिए भी उनका शिकार किया जाता है। लगातार बाघों की मौत पर भी वन विभाग कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर रही है। ऐसे में उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
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