टुकेश्वर लोधी, आरंग। आरंग जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत पाहंदा में मनरेगा कार्य का निरीक्षण करने गई महिला इंजीनियर को बंधक बनाए जाने के मामले में पुलिस ने रायपुर जिला पंचायत सदस्य, सरपंच समेत 10 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज किया है. दरअसल, 18 मई को पाहंदा मे मनरेगा कार्य के मजदूरी भुगतान की राशि कटौती के संबंध में जिला पंचायत सदस्य रानी पटेल ने फोन कर मनरेगा इंजीनियर चैताली चंद्राकर को ग्राम पंचायत में बुलाया, जहां पर सरपंच, उपसरपंच सहित लगभग 300 मजदूर महिला व पुरुष उपस्थित थे. जहां जिला पंचायत सदस्य रानी पटेल के द्वारा मनरेगा में हुए भुगतान की कटौती के संबंध में इंजीनियर से जानकारी लिया गया.

इंजीनियर के द्वारा जानकारी दिया गया कि 10 दिन पूर्व हुए गोदी कार्य में गहराई कम थी. इस वजह से मजदूरों की राशि के भुगतान में रोजगार सहायक तुमनाथ साहू व वेयर फुट इंजीनियर जितेन्द्र कुमार के रिपोर्ट के आधार पर राशि में कटौती की गई. इसके बाद मनरेगा के भुगतान में कटौती को लेकर जिला पंचायत सदस्य आवेश में आ गया और इंजीनियर के साथ दुव्र्यव्हार करना शुरू कर दिया. उनके प्रतिनिधि केजू राम पटेल, सरपंच रविदास ध्रुव, उपसरपंच शोभाराम साहू के द्वारा शासकीय कार्य में बाधा डालते हुए तथा शासन के द्वारा लागू धारा 144 का उल्लंघन करते हुए व उपस्थित भीड को उकसाते हुए इंजीनियर चैताली चंद्राकर को बंधक बना लिए व पूरे 190 रु. की राशि का भुगतान की मांग को लेकर पूरी भीड़ इंजीनियर के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें घेर लिया.

जिला सदस्य व जिला प्रतिनिधि के निर्देश पर गिरधारी यादव, लक्ष्मीनाथ तारक, शिवकुमार साहू, राजकुमारी साहू, इंद्रा साहू व मेनका साहू ने इंजीनियर के साथ धक्का-मुक्की व गाली-गलौज करते हुए इंजीनियर को बंधक बनाकर जमीन में बैठा दिए तथा उनके द्वारा लिए हुए मेजरमेंट को फाड़ दिए. जिसकी सूचना इंजीनियर द्वारा अपने उच्च अधिकारी जनपद पंचायत आरंग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी किरण कौशिक व कार्यक्रम अधिकारी अनिल चंद्राकर को दी गई. जो मौके पर पहुंचे तथा हस्तक्षेप करते हुए इंजीनियर चैताली चंद्राकर को छुड़वाये.इसके बाद चैताली चंद्राकर ने मामला दर्ज करने थाने में शिकायत की.

शिकायत के बाद जिला पंचायत सदस्य रानी पटेल, उनके प्रतिनिधि केजू राम पटेल, सरपंच रविदास धु्रव, उपसरपंच शोभाराम साहू, गिरधारी यादव, लक्ष्मीनाथ तारक, शिवकुमार साहू, राजकुमारी साहू, इंद्रा साहू व मेनका साहू के विरुद्ध गाली-गलौज, बलवा, शासकीय कार्य में बाधा, शासकीय कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार व धारा 144 के उल्लंघन का केस बनाते हुए आई.पी.सी. की धारा 186, 188, 294, 353, 323, 341, 147 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया.