लखनऊ. बिहार में जातीय जनगणना होने के बाद देशभर में इसको लेकर सियासत गरमा गई है. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होने कहा कि जातीय जनगणना पूरे देश में होना चाहिए. नहीं तो किसान आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन जातीय जनगणना के लिए होगा.

संयज सिंह ने कहा कि पिछड़े समाज के लोगों की संख्या कितना है ? अति पिछड़े वर्ग के लोगों की संख्या कितना है ? अनुसूचित जनजाति की संख्या कितना है ? अनुसूचित जाति की संख्या कितनी है ? देश में अल्पसंख्यक की संख्या कितनी है? यह पता होना चाहिए. संजय सिंह ने कहा कि क्योंकि तमाम स्कीम आरक्षण की व्यवस्था समूह वर्ग और जातियों के आधार पर है. सामाजिक न्याय के सिद्धांत को जमीन पर लागू करने के लिए मोदी और भारतीय जनता पार्टी को पूरे देश में जाति जनगणना करना चाहिए, अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो किसान आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन उनके खिलाफ होगा.

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संजय सिंह ने कहा कि जाति जनगणना करना ही होगा, भेदभाव छुआछूत की राजनीति भाजपा और मोदी को यह समझ लेना चाहिए कि देश का 85% जो बड़ा समूह है वह चुप नहीं रहेगा. उन्होने कहा कि संसद के उद्घाटन में देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया प्रभु श्रीराम के शिलान्यास में रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया, बीजेपी की मानसिकता पूरे देश के सामने उजागर हो चुकी है.

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