अजय शर्मा,भोपाल। मध्यप्रदेश देश के उन राज्यों में से एक है, जहां अब तक राजनीति में जातिवाद का जिक्र तक नहीं होता था. मगर आगामी विधानसभा चुनाव के पहले जातिवाद का रंग भी नजर आने लगा है. जातियों को खुश करने की कवायद भी तेज हो चली है. विधानसभा चुनाव में अभी सात माह से ज्यादा का वक्त नहीं बचा है, मगर राजनीतिक तौर पर समाज, जातियों का लाभ लेने के लिए सियासी तौर पर कोशिशें शुरू हो गई हैं.
राज्य में समाज और जातियों के कल्याण की बातें तो खूब होती रही हैं, मगर उसे सियासी रंग देने की कोशिश कम हुई है. मगर बीते कुछ समय से राज्य में जाति और वर्ग के आधार पर सियासी दाव खूब चले जा रहे हैं. इस मामले में सत्ताधारी दल भाजपा हो या मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, दोनों ही वोट के लिए जातिवाद की पीठ पर हाथ रख रही हैं.
इनको खुश कर चुकी सरकार
सरकार कई आयोगों का गठन कर चुकी है. जिनमें रजक कल्याण बोर्ड, तेलघानी बोर्ड, स्वर्णकार कल्याण बोर्ड, विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड के अलावा बांस विकास प्राधिकरण, माटी कल्याण बोर्ड आदि का गठन किया जा चुका है.
जातिवाद का रंग एमपी की सियासत
कुल मिलाकर देखा जाए तो राज्य में वोट हासिल करने के लिए सियासी दलों ने उस दिशा में कदम बढ़ा दिया है, जिससे राज्य की सियासत में जातिवाद का रंग भी गहराने की आशंका जोर पकड़ने लगी है.
समाजों के संगठनों ने सियासत दानों की परेशानी बढ़ाई
चुनावी साल में समाजों के संगठनों ने सियासत दानों की परेशानी बढ़ा दी है. राजधानी भोपाल में दर्जन भर से ज्यादा समाज चुनावी साल में शक्ति प्रदर्शन में जुटे है. हर सामाज का संगठन चुनावों में अपनी भागीदारी के लिए राजनीतिक दल को परख रहा है. कांग्रेस-बीजेपी समाजों को तोल कर वजन दे रही. हर समाज अपने नेताओं के लिए टिकट, आयोग और आरक्षण मांग रहा है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों समाज के संगठनों से बड़े वादे कर रही है. बीजेपी सरकार ने बना दिये समाज के दबाव में आकर चार संगठन, तो कांग्रेस भी सरकार में आने पर वादे कर रही है.
मुख्य बातें
बाबा साहब की जयंती पर अजाक्स ने कांग्रेस बीजेपी से प्रमोशन में आरक्षण मांगा और निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण की मांग उठाई.
तेलुगु समागम में सीएम हाउस में जुटे 400 सामाजिक लोगों ने तीर्थ दर्शन योजना में अपने तीर्थ स्थल और राजनीतिक नियुक्तियों में अपना अधिकार मांगा.
सेन समाज ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपने समाज को वादे के मुताबिक एससी वर्ग में शामिल किए जाने मांग उठाई और समाज को राजधानी भोपाल में सभागार बनाने के लिए मांग रखी.
भोपाल में प्रदेश स्तरीय अग्रवाल युवक-युवती परिचय सम्मेल में शामिल हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने सत्ता में आने पर वैश्य समाज को पर्यप्त प्रतिनिधित्व देने की बात कही.
भोजपुरी समाज ने बैठक कर समाज ने अपना प्रतिनिधिव कांग्रेस और बीजेपी से मांग वही कमलनाथ से मुलाकात कर टिकिट की मांग रखी.
22 अप्रैल को राजधानी भोपाल में ब्राह्मण समागम में कांग्रेस बीजेपी दोनों के नेता होंगे शामिल यहां पर ब्राह्मण समाज के विभिन्न संगठन मांगेंगे 12 में आरक्षण और राजनीतिक नियुक्तियों में अपना प्रतिनिधि कार्यक्रम में बागेश्वर महाराज में शामिल होंगे.
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