सुप्रिया पांडे,रायपुर। देश भर में ऑनलाइन शॉपिंग की तदाद बढ़ती जा रही है. घर बैठे ही लोग आसानी से ऑनलाइन सामानों की बुकिंग कर रहे हैं. जिससे स्थानीय व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. यही वजह है कि तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स व्यापार और ऑनलाइन शॉपिंग पर रोक लगने की मांग उठ रही है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने 14 से 21 जून तक देशभर में ‘ई कॉमर्स शुद्धिकरण अभियान’ चलाने की घोषणा की है. छत्तीसगढ़ के व्यापारियों ने भी अब फ्लिपकार्ट और अमेजन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. व्यापारी चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में ई-कॉमर्स कंपनियों के व्यापार पर रोक लगे.

ऑनलाइन शॉपिंग से 8 करोड़ व्यापारी हुए प्रभावित

कैट के कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव का कहना है कि कोविड के समय में ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए लोगों ने ऑनलाइन शॉपिंग को बढ़ावा दिया है. ये कंपनियां एक बहुत बड़े बाजार के रूप में विकसित होने लगी है. पिछले पांच वर्षों से इन कंपनियों ने विदेशी फंडिंग के जरिए अपना स्वार्थ पूरा किया है. जिस वजह से पूरे देश में लगभग 8 करोड़ व्यापारी प्रभावित हो रहे हैं. रिटेल व्यापारियों की कमर टूट गई है.

पीएम के नाम कलेक्टर को सौंपेंगे ज्ञापन

उन्होंने कहा कि पूरे देश में कैट ‘ई कॉमर्स शुद्धिकरण अभियान’ चला रही है. अभियान के जरिए 16 जून को व्यापारी कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से ई-मेल भी किया जाएगा. व्यापारियों की मांग है कि सभी व्यापारी अपनी दुकानें पोर्टल के द्वारा भी खोलें. जिससे लोगों को फायदा हो और व्यापारी भी गुजर बसर कर सकें.

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एक साल में ई-कॉमर्स व्यापार में 36% की वृद्धि

कैट के मुताबिक भारत में पिछले एक साल में ई-कॉमर्स व्यापार में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जिसमें विशेष तौर पर पर्सनल केयर, ब्यूटी और वेलनेस व्यापार, किराना, एफएमसीजी उत्पाद में 70 प्रतिशत और इलेक्ट्रॉनिक्स में 27 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई. इसमें टियर 2, टियर 3 शहरों में वर्ष 2019 में 32 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020 में 46 प्रतिशत हो गई है.

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