हेमंत शर्मा, रायपुर। व्यापारियों के संगठन कैट के पदाधिकारियों ने ई- कॉमर्स कंपनियों द्वारा सरकार की एफडीआई नीति का पालन नहीं किये जाने के विरोध में सांसद सुनील सोनी को ज्ञापन सौपा.
कैट की ओर से देशभर के सांसदों को पत्र सौंपा जा रहा है. इस कड़ी में रायपुर में कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर परवानी के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने सांसद सोनी को ज्ञापन सौप. सांसद सोनी ने कैट के पदाधिकारियों को केंद्रीय मंत्री के सामने उनकी बात रखने का भरोसा दिलाया. साथ ही 18 तारीख से शुरू हो रहे संसद सत्र में भी बात रखने की बात कही.
सांसद सुनील सोनी ने कहा कि कैट के पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा है. इन्होंने ई-कॉमर्स पॉलिसी को लागू करने की बात कही है, ताकि देश में सामान व्यापार हो. कैट की बात को हम वित्त मंत्री तक पहुंचाएंगे और बातचीत होगी..एक अच्छा व्यवसाय देश के अंदर होना चाहिए, यह प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री सबकी इच्छा है..सुझाव आते हैं उसमें अमलीकरण भी होते हैं..पूरी बात को मंत्री तक पहुंचाया जाएगा.
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर परवानी ने कहा कि ई-कॉमर्स पॉलिसी में पिछले काफी समय से मांग हो रही है. मल्टीनेशनल कंपनियां हिंदुस्तान में आकर जिस प्रकार से काम कर रही है. एक भेदभाव का वातावरण निर्मित हो गया है, जिससे छोटे व्यापारी हिंदुस्तान में काम कर रहे हैं और उनके साथ जो स्टॉफ जुड़े हैं उनके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है. कोई भी नियम को मल्टीनेशनल कंपनियां फॉलो नहीं कर रही हैॆ. इनका यह होता है कि 100 का सामान 80 में बेचो और ज्यादा ज्यादा कस्टमर बेस बनाएं ताकि इनकी कंपनी का मार्केट बढ़े.
परवानी ने कहा कि फ्लिपकार्ट ने पिछले साल 7,700 करोड़ का धंधा करते हुए वॉलमार्ट को अपनी कंपनी का 77 परसेंट शेयर एक लाख दस हजार करोड़ में बेच दिया. उनका काम यह नहीं है कि हिंदुस्तान में आकर व्यापार करें या हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करें. उनका यह काम है कि हिंदुस्तान का 45 लाख करोड़ का व्यापार है उसमें उनकी नजर है. हमारे व्यापारी को हर नियम-कानून फॉलो करना पड़ता है. हमारी मांग है कि दोनों पर एक समान नियम लागू हो.