नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते कोविड और ओमिक्रॉन मामलों के मद्देनजर प्रतिबंध लगाए जाने से व्यापारी वर्ग संतुष्ट नहीं है. इसे लेकर कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को एक पत्र भेजकर कहा है कि प्रतिबंधों से महामारी को फैलने से रोकना नामुमकिन है, इसलिए बजाय प्रतिबंधों के कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन पर ध्यान दिया जाता, तो बेहतर होता. पत्र में आगे कहा गया है कि कोविड की रोकथाम के लिए अब तक घोषित प्रतिबंधों को दिल्ली के व्यापारियों और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा किए बिना जल्दबाजी में लागू किया गया है. ये प्रतिबंध कोविड 19 को रोकने में सफल साबित होंगे, इसमें संदेह है.
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कैट के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में दिल्ली के व्यापारियों को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है और इस समय व्यापारी वित्तीय संकट से घिरे हुए हैं और ऐसे समय में यदि प्रतिबंधों का असर व्यापार पर पड़ा, तो दिल्ली का व्यापार तबाह हो जाएगा. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि विशेषज्ञों का स्पष्ट मत है कि कोविड 19 से बचने का एकमात्र उपाय कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन ही है. इसलिए बजाय प्रतिबंधों के कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन पर ध्यान दिया जाता तो बेहतर होता. इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि कोविड रोकथाम से बचना पहली प्राथमिकता है, लेकिन व्यापार एवं आर्थिक गतिविधियां भी चलती रहें, इस पर भी ध्यान देना जरूरी है. कैट ने यह सुझाव भी दिया गया है कि दिल्ली में किसी भी राजनीतिक या सामाजिक कार्यक्रम पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. वर्क फ्रॉम होम कल्चर को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जाना चाहिए और गैर-टीकाकरण वाले लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.
दिल्ली पुलिस ने ओमिक्रॉन के खिलाफ लड़ाई के लिए कमर कसी
इधर दिल्ली में पुलिस ने नोवेल कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन से संभावित लड़ाई लड़ने के लिए कमर कस ली है. विशेष सीपी (कल्याण) शालिनी सिंह ने बुधवार को सभी जिला और इकाई प्रमुखों और अन्य हितधारकों के साथ बैठक की, ताकि ओमिक्रॉन के संभावित सामुदायिक फैलाव के मद्देनजर समग्र तैयारियों की जांच की जा सके. अधिकारी ने पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य कल्याण पर दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना द्वारा हाल ही में जारी संशोधित एसओपी का सख्ती से पालन करने पर जोर दिया. संशोधित एसओपी के तहत, डीसीपी और यूनिट प्रमुखों को नोडल स्वास्थ्य अधिकारी (एनएचओ) के रूप में नामित किया गया है.
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एनएचओ को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि निरीक्षक या उससे ऊपर के रैंक का कोई अधिकारी व्यक्तिगत रूप से अस्पताल में भर्ती कर्मियों या उनके परिजनों से तब तक मिले जब तक वह फिट नहीं हो जाता. बाहरी मामले में बीमार व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुनिश्चित की जानी चाहिए. दिल्ली पुलिस के पीआरओ चिन्मय बिस्वाल ने नवीनतम निर्देशों के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि रोहिणी और शाहदरा में सभी 8 वेलनेस सेंटर और दो कोविड देखभाल केंद्र किसी भी चिकित्सा आपात स्थिति के लिए सक्रिय किए जाएंगे.
दिल्ली में कोरोना के मामलों में उछाल
दिल्ली में कोरोना के मामलों में काफी उछाल देखने को मिल रहा है. ऊपर से नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के कारण चुनौती काफी बढ़ गई है. ओमिक्रॉन बहुत तेजी से लोगों को संक्रमित करता है. दिल्ली में अगर पिछले 24 घंटों के आंकड़ों की बात करें, तो बुधवार को 923 नए मरीज कोविड 19 के मिले हैं. इधर दिल्ली में संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए कई प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में येलो अलर्ट घोषित किया था, जिसके तहत स्कूल, कॉलेज, सिनेमा और जिम बंद रहेंगे. आदेश में कहा गया है कि दिल्ली मेट्रो अपनी 50 प्रतिशत सीट क्षमता के साथ संचालित होगी, जबकि ऑटो रिक्शा और कैब में दो यात्री तक बैठ सकते हैं.
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