रायपुर। छत्तीसगढ़ में रमन सरकार सच में आदिवासियों का हित चाहती है, उनका विकास करना चाहती है, तो तत्काल प्रभाव से आदिवासी इलाके में अगले 60 साल तक खनन और उद्योगों पर रोक लगाएं. यह कहना है छत्तीसगढ़ के पूर्व वित्तमंत्री रामचंद्र सिंहदेव का. रामचंद्र सिंहदेव ने कहा, कि आज आदिवासियों को विकास के नाम पर उजाड़ने का खेल चल रहा है.

छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण आदिवासियों के लिए हुआ था. आदिवासी अंचल के रुप में छत्तीसगढ़ की पहचान सदियों से रही है. लेकिन दुर्भाग्य है कि प्रदेश के मूलनिवासी है आज विकास की मुख्यधारा से बाहर है. आदिवासी आज हाशिए पर हैं. आज आदिवासी नक्सवाद की अपराध और सरकारी अत्याचार के बीच में पीस रहे हैं. आदिवासियों का शोषण न तो थमा है और उसे रोकने की कोई ठोस कोशिशे हुई है.

आदिवासी इलाकों में बेहताशा खनन और उद्योगों ने आदिवासियों को विस्थापित होने और बर्बाद होने के लिए मजबूर कर दिया है. खनन के नाम पर आदिवासियों को उजाड़ने काम सरकारें कर रही है. अगर आदिवासी इलाके में खनन कार्य नहीं रोका गया तो आदिवासी सभ्यता-संस्कृति के साथ मूल निवासी खत्म हो जाएंगे.

उन्होंने यह भी कहा, कि ज्यादा संख्या में आदिवासियों को सत्ता में आना चाहिए. आदिवासी हाथों में सत्ता होगी तो आदिवासी इलाकों का विकास बेहतर तरीके से होगा. जल-जंगल-जमीन के साथ ही आदिवासी है अगर यही नहीं रहेंगे तो फिर आदिवासी बचेंगे कैसे ?