लोकेश साहू, धमतरी. नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदान को महज कुछ घंटा ही बाकी रह गया है. ऐसे में पार्षद पद के प्रत्याशी और समर्थकों ने अपनी पूरी ताकत मतदाताओं को रिझाने में झोंक दी है. कई वार्डों में पैसे बांटे जाने की खबरें आ रही है, तो कहीं पर शराब की बोतलें बांटकर मतदाताओं को रिझाने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि गुरुवार की शाम ही नगर निगम और नगर पंचायत क्षेत्र के सभी शराब दुकान आबकारी विभाग ने सील कर दिए थे. इसके बावजूद शहर के कई वार्डों में भारी तादाद में अवैध शराब डंप होने की खबर है.
ऐसी सूचना पर भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शहर के श्यामा प्रसाद मुखर्जी वार्ड में पहुंचे थे. जहां उन्हें एक संभ्रांत परिवार के खाली पड़े गोदाम में शराब की बोरियां छिपा कर रखे जाने की खबर मिली थी. खबर की पुष्टि के बाद दोपहर करीब 3 बजे भाजपाइयों ने संबंधित अधिकारियों को सूचना दी. लेकिन 3 घंटे से अधिक वक्त बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. जिस पर माहौल गरमाने लगा और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी होने लगी. तभी शाम करीब 6:30 बजे सबसे पहले धमतरी तहसीलदार विनोद साहू मौके पर पहुंचे, इसके कुछ देर बाद आबकारी अधिकारी मोहित कुमार जायसवाल, सिटी कोतवाली टीआई कोमल नेताम, एसडीएम मनीष मिश्रा और डीएसपी अशोक जोशी भी दल बल के साथ वहां पहुंच गए.
अधिकारियों की मौजूदगी में गोदाम के अंदर तफ्तीश करने पर करीब 18 से 20 बोरियों में शराब भरा हुआ मिला. लेकिन अधिकारी पंचनामा और जब्ती कार्रवाई करने के बजाए गोदाम के मेन गेट को सील कर दूसरे दिन कार्रवाई करने की बात करने लगे. इस बात से भाजपा के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए और तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया.
इस हंगामे के बीच अधिकारियों ने समझाइश देते हुए कहा कि पूरी पारदर्शिता के साथ मामले में कार्रवाई होगी. फिलहाल शराब की मात्रा कितनी है और किसने इन्हें यहाँ रखवाया था इस बात की जानकारी किसी भी अधिकारी द्वारा नहीं दी जा रही है.
मामले में एसडीएम मनीष मिश्रा का कहना है कि राइस मिल की गोदाम में शराब रखने की सूचना मिलते ही तहसीलदार और पुलिस विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया था, चूंकि मामला शराब का है इसलिए आबकारी विभाग नियम के तहत कार्रवाई करेगी. निजी संपत्ति होने के कारण मजिस्ट्रेट आदेश के बाद आगे कार्रवाई होगी.
इधर, शराब की खेप पकड़े जाने से चुनाव में माहौल खराब होने की संभावना भी बढ़ गई है. ऐसे में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराना जिला पुलिस प्रशासन के लिए भी आसान नहीं होता दिख रहा है.